
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर: प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिए ई-अटेंडेंस (E-Attendance) की अनिवार्यता के मामले में गुरुवार को हाईकोर्ट (MP High Court) में सुनवाई हुई। अलग-अलग जिलों में पदस्थ शिक्षकों ने इसमें आने वाली समस्याओं को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं व सरकार को रिकार्ड सहित जवाब पेश करने को कहा था।
याचिकाकर्ता शिक्षकों की ओर से दलील दी गई कि ई-अटेंडेंस दर्ज कराने में कई बार नेटवर्क सहित अन्य समस्याएं आती हैं। वहीं, शासन की ओर से तर्क दिया गया कि नेटवर्क की समस्या नहीं है, क्योंकि उसी स्कूल में अधिकतर शिक्षक अटेंडेंस लगा रहे हैं। न्यायमूर्ति मनिंदर सिंह भट्टी की एकलपीठ ने दोनों के जवाब को अभिलेख पर लेते हुए मामले की अगली सुनवाई सात नवंबर को निर्धारित कर दी।
जबलपुर निवासी याचिकाकर्ता मुकेश सिंह वरकड़े सहित प्रदेश के अलग-अलग जिलों के 27 शिक्षकों ने ई-अटेंडेंस को चुनौती दी है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने दलील दी कि शिक्षकों को ई-अटेंडेंस के लिए बने शिक्षक एप के जरिए उपस्थित दर्ज कराने में बहुत सी समस्याओं को सामना करना पड़ रहा है। कई शिक्षकों के पास अच्छा स्मार्टफोन नहीं है।
प्रतिमाह डाटा पैक खरीदना, प्रतिदिन मोबाइल की बैटरी चार्ज रखना, स्कूल में नेटवर्क कनेक्टिविटी नहीं होने की समस्याएं हैं। सर्वर की समस्या व चेहरा मिलान की भी समस्याएं हैं। मांग की गई कि या तो बायोमैट्रिक मशीन से या पूर्व की भांति कर्मचारी रजिस्टर में उपस्थित दर्ज कराई जाए।
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