नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। बारिश के साथ खरीफ सीजन ने दस्तक दे दी है और किसान खेतों की तैयारी में जुट गए हैं, लेकिन खाद और बीज की भारी किल्लत उनके सामने एक बड़ी चुनौती बन गई है। पनागर तहसील समेत पूरे जबलपुर जिले में खाद की मांग और आपूर्ति के बीच बढ़ता अंतर किसानों को परेशान कर रहा है। एक-एक बोरी खाद पाने के लिए किसान रातभर कतार में खड़े नजर आ रहे हैं।
पनागर क्षेत्र में हालात ऐसे हैं कि किसान टोकन के लिए आधी रात को ही कृषि मंडी में जुटने लगे। किसी ने आधार कार्ड रखकर जगह बनाई तो किसी ने पत्थर रखकर लाइन में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। बुधवार सुबह जैसे ही टोकन वितरण शुरू हुआ, अफरा-तफरी और धक्का-मुक्की का माहौल बन गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल बुलाना पड़ा। कई किसानों को दोपहर तक भी टोकन नहीं मिल पाया।
एक टोकन पर किसान को 6 डीएपी, 6 एनपी, यूरिया और नैनो डीएपी की मात्रा तय की गई है। लेकिन संकट इतना गहरा गया है कि 1600 रुपये में मिलने वाला डीएपी का कट्टा कई जगहों पर कालाबाजारी के चलते 2,000 से ऊपर बिकने की खबरें हैं।
इस अव्यवस्था और जमाखोरी को लेकर किसान खुलेआम नाराजगी जता रहे हैं। शासन-प्रशासन की नाकामी से खाद वितरण व्यवस्था सवालों के घेरे में आ गई है। हालांकि प्रशासन की ओर से कहा गया है कि खाद की कोई कमी नहीं है और सप्लाई लगातार हो रही है।
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जिले में खाद वितरण की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी एसडीएम को निर्देशित किया कि वे स्वयं क्षेत्रों में जाकर स्थिति का जायजा लें और किसानों को समय पर उचित मूल्य पर खाद मिले, इसकी गारंटी दें। वहीं, क्षेत्रीय प्रबंधक मार्फेड और कृषि विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि जिले में खाद की लगातार आपूर्ति की जा रही है और जल्द ही दो और रैक आने वाले हैं।
उप संचालक कृषि डॉ. एसके निगम ने बताया कि जिले में इस समय 23,498 मीट्रिक टन उर्वरक मौजूद है, जिसमें यूरिया, डीएपी, एमओपी, एनपीके और एसएसपी शामिल हैं। इसके अलावा विपणन संघ, सहकारी समितियां और निजी विक्रेताओं के पास भी हजारों मीट्रिक टन खाद उपलब्ध है।
अधिकारियों ने किसानों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं और अफवाहों से दूर रहें। खाद वितरण में किसी प्रकार की अनियमितता या कालाबाजारी की शिकायत होने पर संबंधित पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।