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नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल व न्यायमूर्ति अवनींद्र कुमार सिंह की युगलपीठ ने एनएसए के तहत जिला दंडाधिकारी शहडोल द्वारा अवैध व गलत हिरासत का आदेश जारी करने पर सरकार व उच्च अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। पूर्व निर्देश के पालन में गुरुवार को शहडोल कलेक्टर डॉ. केदार सिंह एवं पुलिस अधीक्षक रामजी श्रीवास्तव हाजिर हुए।
डॉ. केदार सिंह ने माना कि उन्होंने हिरासत का गलत आदेश जारी कर दिया था। तर्क दिया कि दो प्रकरणों को एक साथ डील कर रहे थे, इसलिए त्रुटि हुई। उक्त कोर्ट सहमत नहीं हुई और हिरासत के एक्सटेंशन ऑर्डर पर सवालिया निशान लगाए। हाई कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि यह बड़े आश्चर्य का विषय है कि सरकार के बड़े अधिकारियों ने भी कलेक्टर के अवैधानिक आदेश को हरी झंडी दी।
किसी भी अधिकारी ने अपने विवेक का इस्तेमाल नहीं किया। कोर्ट ने कहा यह भारी त्रुटि है। कोर्ट ने गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को व्यक्तिगत हलफनामा पेश करने को कहा। कोर्ट ने पूछा कि क्यों न इस चूक के लिए भारी जुर्माना लगाया जाए। अगली सुनवाई सात अक्टूबर को होगी। शहडोल निवासी हीरामणि बैस की ओर से अधिवक्ता ब्रहमेन्द्र पाठक ने पक्ष रखा।
उन्होंने बताया कि एक ही दिन में पूरा आदेश जारी कर दिया और कोई वैधानिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। किसी भी स्वतंत्र गवाह का कथन नहीं लिया गया। याचिकाकर्ता व पुत्र बुडवा में निवासरत हैं, जो शहडोल से सौ किलोमीटर दूर है। यह भी आरोप है कि उक्त अवैधानिक आदेश जिले के रेत ठेकेदार के प्रभाव में आकर किया गया है।
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