
नईदुनिया, जबलपुर (Nag Panchami 2024)। हिंदू धर्म में नाग पंचमी के पर्व का विशेष महत्व है। सावन मास भगवान शिव का प्रिय मास है, और इस मास में शिव के गण नाग देवता की पूजा करने का भी विधान हैं। नाग पंचमी पर मुख्य रूप से आठ नाग देवताओं की पूजा की जाती है और वे हैं वासुकि, ऐरावत, मणिभद्र, कालिया, धनंजय, तक्षक, कर्कोटकस्य और धृतराष्ट्र। इनकी पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और सर्प भय से मुक्ति मिलती है।
नगर के संग्रहकर्ता श्याम नारायण तिवारी के पास 128 वर्ष पहले महाराज माधव राव सिंधिंया ने नाग पर जारी किया सिक्का है, जो कि बड़ा ही अनोखा है। भारतीय व विदेशी मुद्रा के संग्रह करने के शौकीन शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नुनसर में पदस्थ शिक्षक श्याम नारायण तिवारी शिक्षक श्याम नारायण तिवारी पिछले 15 वर्षों से सिक्कों का संग्रह करते आ रहे हैं।
श्याम नारायण तिवारी के पास धार, रतलाम, पन्ना, झाबुआ, उदयपुर, जयपुर, मैसूर, जोधपुर सहित सभी रियासतों के सिक्का का संग्रह है। रानी विक्टोरिया, पंजम जार्ज सिक्स, एडवर्ड मुगल काल सहित दो हजार साल पुराने छत्रप राज्य का सिक्क भी शामिल है। इसके अलावा सिंगापुर का डालर, श्रीलंका का रुपया, रोमानिया का लेऊ, बांग्लादेश का टका, ओमान का रियाल, मंगोलिया का टाेग्राम सहित 90 देशों के नोट भी संग्रह में है।
श्याम नारायण तिवारी ने बताया कि ग्वालियर रियासत के सिंधिया घराने का राजकीय चिह्न दो नागों के बीच सूर्य है। ग्वालियर के महाराजा माधव राव सिंधिया ने वर्ष 1996 में जारी किया था पाव आना (1/4) कापर सिक्का सवंत (1953-1958) दो त्रिशूल से बीच में नाग का अंकन है। वर्ष 1957 में कंबोडिया डाक विभाग नाग पर डाक टिकट जारी की है। हर व्यक्ति का अलग-अलग शौक होता है। मुझे सिक्के संग्रह का शौक है। जिसके अंतर्गत सिक्को का संग्रह करता आ रहा हूं। मेरे पास भारत व विदेशी मुद्रा का कलेक्शन है।