Jabalpur News: जबलपुर नईदुनिया प्रतिनिधि। जबलपुर रेल मंडल की सीमा से लगे नरसिंहपुर और सलैया रेलवे स्टेशन के पास अधिक वर्षा की वजह से रेलवे ट्रैक की मिट्टी-गिट्टी बह गए। घटना के लगभग दो घंटे तक रेलवे को इसकी खबर लगी, लेकिन समय रहते मौके पर मरम्मत का काम शुरू हो गया। यही वजह है कि पटरियों के नुकसान काे कम कर रेलवे ने दो बड़ी दुर्घटनाएं रोक दी। अब इन घटनाओं की समीक्षा शुरु हो गई है। इसके लिए रेल बोर्ड दिल्ली से भी जांच टीम आई है।
सुरक्षा और संरक्षा की दृष्टि ने जबलपुर मंडल ने कई ऐसे कदम उठाए हैं ताकि दुर्घटनाओं से पहले रेलवे का समय पर जानकारी जाए। इधर जबलपुर रेल मंडल में इन घटनाओं के बाद रेलवे बोर्ड की संरक्षा टीम जबलपुर पहुंची और उन्होंने रेलवे ट्रैक से लेकर अन्य संरक्षा से जुड़े पहलूओं की जांच। इसके साथ ही अब मंडल के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे हर दिन सुबह कंट्रोल में बैठक कर संरक्षा की समीक्षा करें।
जबलपुर मंडल में दो बड़े हादसे टल गए। इन हादसे को रोकने में मई माह की बारिश और उसके बाद रेलवे द्वारा उठाए गए कदम से मदद मिली। जबलपुर और इसके आसपास के जिलों में मई माह मेें जोरदार बारिश हुई। इस बारिश के दौरान रेलवे ने मानसून अलर्ट के तहत कई ऐसे काम कर लिए, जिससे नरसिंहपुर और सलैया के पास पुलिया से मिट्टी और गिट्टी पहने के बाद समय रहते मरम्मत का काम शुरू किया गया। इसके अलावा पेड़ों की कटाई से लेकर ट्रैक पर गिट्टी गिराने और ट्रैक के आसपास बोल्डर गिराए गए। इतना ही नहीं इंजीनियरिंग विभाग के ट्रैकमेन, प्वाइंटमेन और वाचमेन की मदद से पटरियों की सुरक्षा बढ़ा दी। यह काम वर्षा आने के एक माह पूर्व ही कर लिया, जिससे हादसे रोकने में रेलवे को मदद मिली।
रेलवे ने हादसों को रोकने के लिए तैयारियों के साथ-साथ तकनीक की मदद से दुर्घटना के बाद तत्काल मदद पहुंचाने पर भी काम किया है। दरअसल ओडिशा के बालेश्वर में हुई दुर्घटना के बाद जबलपुर मंडल समेत देशभर के सभी मंडल में संरक्षा विभाग और उनके अधिकारियों को सर्तक रहने कहा गया है। इतना ही नहीं मंडल में ऐसे ब्लैक स्पाट चिहिंत करने के भी निर्देश हैं, जहां पर दुर्घटनाएं हो सकती हैं। जबलपुर मंडल ने इस पर काम किया है। मंडल की सीमा में लगभग 50 से ज्यादा ऐसे ब्लैक स्पाट हैं, जहां ट्रैक को नुकसान, ट्रेन का संचालन प्रभावित हो सकता है। इन स्पाट पर रेलवे ने पहले ही वाचमेन तैनात कर रखे हैं। इधर सभी ब्रिज पर वाटर लेवल जांचने के लिए जीपीएस लगाए हैं, ताकि समय पर इनकी जानकारी कंट्रोल पर पहुंचे।
मानसून अलर्ट में जबलपुर मंडल के इंजीनियरिंग विभाग ने कई स्टेशनों को चिंहित कर वहां मटेरिया का स्टाक किया। इस मटेरियल को दुर्घटना के बाद मरम्मत के लिए पहुंचाने में रेलवे ने स्पेशल मटेरियल ट्रेन की मदद ली। मंडल के पास लगभग चार ट्रेनें हैं। इसके अलावा अन्य मंडलों से भी ये ट्रेन बुलाई गई। इनकी मदद से रेल लाइन के जरिए घटना स्थल तक मटेरियल पहुंचाया गया। हालांकि इस दौरान रेलवे ने मरम्मत का काम ट्रैकमेन की बजाए निजी मजदूरी से करवाया, ताकि पटरियों की निगरानी का काम प्रभावित न हो। इस दिनों सभी ट्रैकमेन को पटरियों में गश्त करने और समय पर जानकारी देने के लिए जीपीएस दिए गए हैं। इन जीपीएस की मदद से दुर्घटना होने का संकेत मिलते ही ट्रैकमेन रेलवे कंट्रोल को काल करते हैं।