नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। सड़क सुरक्षा को लेकर पुलिस और प्रशासन लगातार जागरूकता अभियान चला रहा है, लेकिन इसके बावजूद वाहन चालक नियमों का पालन करने से बचते नज़र आते हैं। शहर की सड़कों पर अक्सर देखा जा सकता है कि दोपहिया वाहन चालक हेलमेट तो रखते हैं, मगर उसे सिर पर लगाने की बजाय हाथ में या गाड़ी के हैंडल पर लटका लेते हैं। ऐसा करने से न तो कानून की भावना का पालन होता है और न ही सुरक्षा सुनिश्चित होती है। दुर्घटना की स्थिति में हेलमेट सिर्फ तभी जीवनरक्षक साबित होता है जब उसे सही तरीके से सिर पर पहना जाए। ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि हेलमेट सिर की सुरक्षा के लिए है, इसे केवल दिखावे या चालान से बचने का साधन न समझा जाए। पुलिस ने यातायात जागरूकता अभियान चलाया है जो 24 सितंबर तक चलेगा।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात अंजना तिवारी ने बताया कि मंगलवार केा बल्देवाग,तीन पत्ती, तैय्यबअली चौक, पेंटीनाका, त्रिपुरी चौक, कैरव्ज चौक और महाराजपुर बायपास में वाहन चेकिंग की गई। इस दौरान बगैर हेलमेट चलने वाले वाहनों के खिलाफ चालानी कार्रवाही की गई। इसके अलावा शैक्षणिक संस्थानों में पहुंचकर यातायात पुलिस यातायात के नियमों को लेकर जागरूक कर रही है। उन्होंने बताया कि नेशनल हाइवे में तेज गति से वाहन चलाने वाले 12 लोगों के खिलाफ 12 हजार रुपये की चालानी कार्रवाही की गई।
अंजना तिवारी ने कहा कि कि सड़क हादसों में सबसे अधिक चोट सिर पर लगती है और ऐसे में हेलमेट जीवन बचाने का सबसे बड़ा कवच है। नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी भी ट्रैफिक विभाग कर रहा है। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में विशेष चेकिंग अभियान चलाकर केवल हेलमेट साथ रखने वालों पर ही नहीं, बल्कि उसे पहनकर न चलने वालों पर भी जुर्माना लगाया जाएगा। जबलपुर के प्रमुख मार्गों जैसे दमोहनाका, मदनमहल, रानीताल और अधारताल क्षेत्रों में अक्सर देखने को मिलता है कि लोग हेलमेट साथ रखते तो हैं लेकिन उसे पहनने से बचते हैं। कुछ चालक गर्मी या असुविधा का बहाना बनाकर हेलमेट को हाथ में पकड़े रहते हैं, जबकि सड़क पर छोटी सी चूक भी बड़ा हादसा बन सकती है।
यातायात पुलिस का कहना है कि बिना हेलमेट वाहन चलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी। अधिकारी यह भी मानते हैं कि केवल चालानी कार्रवाई से समस्या का समाधान संभव नहीं है, जब तक लोग स्वयं अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता न दें। आवश्यक है कि हर नागरिक हेलमेट को केवल जुर्माने से बचने का साधन न समझे, बल्कि इसे जीवन रक्षा कवच के रूप में पहचाने।
हादसों के आंकड़े साफ बताते हैं कि हेलमेट पहनने वाले चालक और सवारियों की जान बचने की संभावना बिना हेलमेट वालों की तुलना में कई गुना अधिक होती है। ऐसे में आवश्यक है कि लोग नियमों का पालन करें और हेलमेट को सिर पर पहनकर ही सड़क पर निकलें। यह न केवल कानून का पालन होगा बल्कि स्वयं और परिवार की सुरक्षा के लिए जिम्मेदारी भी होगी।
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