पंकज तिवारी, जबलपुर। सेना को युद्व में लगने वाले असला बारूद और सुरक्षा से जुड़ी तकनीक को लेकर जबलपुर में पाठ्यक्रम शुरू होगा। शासकीय जबलपुर इंजीनियरिंग कालेज में डिफेंस टेक्नोलाजी के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम पढ़ाने की तैयारी हो रही है। रक्षा मंत्रालय की सिफारिश पर अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद से इसके संचालक की अनुमति मांगी गई है। प्रबंधन को उम्मीद है कि अगले सत्र 2022-23 से इसमें प्रवेश प्रारंभ कर दिया जाएगा। ये पाठ्यक्रम पढ़ाने वाला जेईसी प्रदेश का पहला तकनीकी शिक्षण संस्थान होगा। यहा से पढ़ने वाले विद्यार्थी आयुध निर्मार्णियों को अपने हुनर को दिखाने का मौका मिलेगा।
ये है कोर्स: रक्षा विभाग के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान(डीआरडीओ) की मदद से डिफेंस टेक्नोलाजी की ओर से पीजी डिग्री इन एनर्जी सिस्टम और कम्युनिकेशन पाठ्यक्रम शुरू कर रहे हैं। ये इलेक्टिकल और इलेक्ट्रानिक्स विभाग के अंतर्गत संचालित होगे। जेईसी के प्राचार्य डा.एके शर्मा ने बताया कि प्रदेश में पहली बार ये कोर्स शुरू होने जा रहा है। पहले मौजूदा सत्र में इसे प्रारंभ करने की तैयारी थी, लेकिन अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के मापदंड पूरे नहीं होने के कारण अनुमति नहीं मिल पाई है। फिलहाल संस्थान में शिक्षकों की कमी बनी हुई है। इस वजह से कई नए पाठ्यक्रम प्रारंभ नहीं हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि उम्मीद है कि जल्द कुछ शिक्षकों की नियुक्ति होगी। पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए 18-18 सीट तय होगी।
डीआरडीओ से मदद: ब्रम्होस एयरोस्पेस के प्रमुख डा.सुधीर मिश्र जबलपुर इंजीनियरिंग कालेज के भूतपूर्व विद्यार्थी है। प्राचार्य डा.एके शर्मा ने बताया कि डा.सुधीर मिश्र के सहयोग से ये पाठ्यक्रम यहां प्रारंभ हो रहे हैंं इससे आयुध निर्मार्णियों के होने से यहां के विद्यार्थियों को अतिरिक्त लाभ मिलेगा।