
Jabalpur High Court News: जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। राज्य सरकार ने जिस मेडिकल कोर्स को मान्यता दी है, उसी कोर्स के पंजीयन के लिए राज्य की संस्था मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल ने इन्कार कर दिया। शासकीय तंत्र के इस रवैये को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव की युगलपीठ ने इस मामले पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग के सचिव, राज्य के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव, मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल भोपाल के रजिस्ट्रार व नेशनल मेडिकल कमीशन के सचिव को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया है। याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी डा. प्राची सक्सेना, डा. सिद्धार्थ जैन व तीन अन्य चिकित्सकों की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ताओं ने देश के प्रतिष्ठत और प्राचीन कालेज आफ फिजिशियन एंड सर्जन मुंबई से डिप्लोमा इन मेडिकल रेडियोलाजी एंड इलेक्ट्रोलाजी, डीएमआरई का कोर्स किया है। प्रदेश सरकार ने राजपत्र में गजट नोटिफिकेशन के जरिए 11 फरवरी, 2020 को डीएमआरई को मान्यता दी है। याचिकाकर्ताओं ने इस कोर्स के आधार पर मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया। मेडिकल काउंसिल ने छह मई, 2022 को आवेदन निरस्त कर दिए।
सिर पर गहरे जख्म देने वालों को पांच-पांच वर्ष का कठोर कारावास
सत्र न्यायालय ने सिर पर धारदार हथियारों से गहरे जख्म देकर जानलेवा हमला करने वाले चार आरोपितों को पांच-पांच वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश अभिलाषा एन मवार की अदालत ने सभी आरोपितों पर 2-2 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने कहा कि सभी अभियुक्तगण वयस्क हैं और अपराध की प्रकृति व प्रवृत्ति समझने में सक्षम हैं। उन्होंने फरियादी के सिर पर गंभीर किस्म के 11 चोटें दी हैं, इसलिए न्यूनतम दंड दिया जाना प्रतीत नहीं होता। गढ़ा निवासी सुखदीन साहू, गुलाब बाई, रंजीत साहू व तिलवाराघाट निवासी चंदन तिवारी पर आरोप है कि पुराने विवाद के चलते उन्होंने एक अगस्त 2015 को ग्राम खैरी थाना भेड़ाघाट में दोपहर ढाई बजे बका, लाठी, लोहे की राड से फरियादी बसंत साहू पर हमला किया। पुलिस ने चारों अभियुक्तों के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध कर कोर्ट में चालान पेश किया।