
जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने सिंधी खत्री जाति को ओबीसी की सूची में शामिल करने के स्पष्टीकरण को लेकर राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है। मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 13 सितंबर को निर्धारित की है। सागर निवासी डॉ. कोमल सिंधी खत्री की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया कि केंद्र सरकार ने कमीशन ने वर्ष 1999 में अनुशंसा की थी कि सिंधी खत्री रंगरेज और छीपा जाति के अंतर्गत आते हैं, जो ओबीसी में शामिल हैं। कमीशन की अनुशंसा के अनुसार केंद्र सरकार ने अपनी सूची में वर्ष 2000 में स्पष्टीकरण जारी कर दिया, लेकिन इस स्पष्टीकरण को राज्य की सूची में शामिल नहीं किया गया। कमीशन ने वर्ष 2014 में फिर से स्पष्टीकरण जारी किया, लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक स्पष्टीकरण जारी नहीं किया है। अधिवक्ता अशोक लालवानी के तर्क सुनने के बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब-तलब कर लिया
अग्रिम जमानत अर्जी खारिज : अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दीपक कुमार पांडेय ने नौकरी लगाने के नाम पर एक युवक से चार लाख रुपये वसूलने के आरोपित फर्जी पत्रकार गौरव सोनी की अग्रिम जमानत खारिज कर दी है। अभियोजन के अनुसार अभिषेक दीक्षित नामक युवक ने गढ़ा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि गौरव सोनी और अंकित श्रीवास्तव ने उसे नौकरी लगाने का झांसा दिया और उससे चार लाख रुपये ले लिए। गढ़ा पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ धारा 420 का प्रकरण दर्ज किया है। राज्य शासन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक कुक्कू दत्त ने जमानत अर्जी का विरोध किया।
फर्जी पत्रकारों की जमानत का विरोध करेंगे वकील : एमपी स्टेट बार के उपाध्यक्ष व जिला अधिवक्ता संघ, जबलपुर के पूर्व अध्यक्ष आरके सिंह सैनी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में फर्जी पत्रकारों की जमानत का विरोध करने का निर्णय लिया गया है। बैठक में श्री सैनी ने कहा कि शहर में फर्जी पत्रकार आम लोगों को ब्लैकमेल कर रकम ऐंठ रहे हैं। पुलिस ने फर्जी पत्रकारों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। अदालत में फर्जी पत्रकारों की जमानत का विरोध किया जाएगा। बैठक में दुर्गेश मनाना, मुकेश पाटकर, मुकेश कुशवाहा, उपेन्द्र सिंह, रोहित टंडन और अमित कोहली सहित अन्य वकील मौजूद रहे।