
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। हिंदूओं के पलायन के चलते सागर में दो रहवासी कालोनियां मुस्लिम बाहुल्य बन गईं। प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए ‘मुस्लिमों को घर बेचने पर’ अघोषित रूप से रोक लगा दी है। प्रभावित मोहल्लों में संपत्ति का पंजीयन प्रशासन ने रोक दिया है। कुछ ऐसे ही हालात संस्कारधानी, जबलपुर के अधारताल क्षेत्र में भी बन रहे हैं। यहां हिंदू बाहुल्य व मिश्रित आबादी वाली बस्तियों से हिंदू परिवारों का प्रवासन तेजी से बढ़ा है।
एक बैंक कर्मी ने बताया कि अधारताल स्थित कालोनी में उसे अपना मकान छोड़कर किराए से रहने मजबूर होना पड़ा। घर के आसपास की तमाम संपत्ति मुस्लिमों ने खरीद ली। जिसके बाद वहां रहना असहज हो गया, लिहाजा दूसरी कालोनी में किराए से मकान लेना पड़ा। विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हिंदू सेवा परिषद आदि संगठनों ने इसे लैंड जिहाद का नाम देकर कई बार प्रशासन, पुलिस को ज्ञापन सौंपा परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई। अधारताल क्षेत्र की कालोनियों, बस्तियों की ग्राउंड रिपोर्ट दी जाएगी, जहां तेजी से हिंदु क्षेत्र छोड़ रहे हैं।
इस संबंध में जब ‘नईदुनिया’ ने अधारताल-अमखेरा की टोह ली, जानकारी हासिल की तो पता चला समुदाय विशेष की हिंदू बाहुल्य क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करने उन जमीनों पर इनकी नजर होती है। जो कि नजूल की है, ये तहसीलदार व पटवारी से सेटिंग कर नजूल जमीन को हथिया रहे हैं। कटंगी बायपास, अमखेरा, अधारताल, गोहलपुर और आसपास ये बड़े स्तर पर सक्रिय हैं। अमखेरा में एक बड़े क्षेत्र इनके बस जाने के बाद आसपास के अनेक सनातनी परिवारों ने अपनी जमीन, मकान बेच दिए। जबकि कुछ अपने मकान बेचने के फ्लेक्स भी लगाए हैं।
जीसीएफ से रिटायर होने के बाद रमेश शर्मा (परिवर्तित नाम) ने अमखेरा बस्ती में जमीन लेकर घर बनाया था। 2020 में मकान बनाने के बाद वे करीब दो साल वहां रहे, जब उन्होंने समुदाय विशेष की बस्ती आसपास बढ़ती देखी तो एक अन्य परिचित को मकान बेचकर सिविल लाइन में शिफ्ट हो गए। नाम न छापने की शर्त पर उन्होंने बताया कि वर्ग विशेष के लोग दिन में असामाजिक कार्यों में सक्रिय तो रहते हैं रात में अन्य गतिविधियों को अंजाम देते हैं। जिसके कारण परिवार का कई बार रात्रि जागरण उन पर नजर रखने में बीत रहा था तो ऐसे में घर बेचना ही ठीक समझा।
इसी तरह अधारताल के आनंद नगर क्षेत्र में भी एक हिंदु परिवार समुदाय विशेष के कारोबारी दखल से इतना ज्यादा परेशान हो गया उसने मकान बेचना ही मुनासिब समझा। करीब एक करोड़ रुपये में एक समुदाय विशेष के एक खरीददार से मकान का सौदा कर मकान बेच दिया। अब अधारताल आनंद नगर में उस मकान पर समुदाय विशेष द्वारा लंबा चौड़ा गोदाम बना लिया गया है। रहवासी क्षेत्र में कारोबारी गतिविधियां संचालित की जा रही है।
अमखेरा क्षेत्र के एक हिस्से में करीब 250 हिंदू परिवार निवासरत हैं। उनके आसपास खाली पड़ी नजूल भूमि पर एक समुदाय विशेष के लोग कब्जे की नियत से बैरिकेडिंग कर रहे थे। परिवारों ने इस सूचना हिंदू धर्मसेना को दी। जिसके बाद हिंदू धर्म सेना के मुख्य संरक्षक योगेश अग्रवाल ने नगर निगम और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से अवैध कब्जा हटाने आगे आए क्षेत्र को खाली कराया। उन्होंने बताया कि करीब डेढ़ एकड़ नजूल भूमि पर समुदाय विशेष दल-बल से कब्जा करना चाह रहा था। न केवल हमने जमीन पर कब्जा होने से रोका बल्कि ऐसे तत्वों की पहचान कर उन्हें नोटिस भी दिया गया है। अब सनातनी परिवार राहत महसूस कर रहे हैं और उन्हें समझाइश दी गई है कि कोई भी कब्जा करने व डराने-धमकाने आता है तो सूचित करें। ताकि उन पर कार्रवाई हो।
इधर घनी आबादी वाले त्रिमूर्ति नगर क्षेत्र में एक समुदाय विशेष के लैंड जिहाद को रोकने व कालोनियों को सुरक्षित बनाने के का बीड़ा सनातन वाहिनी के सदस्यों ने उठाया है। वे क्षेत्र की कृष्णा कालोनी, नंदन विहार, गणपति विहार, आंबेडकर कालोनी सहित आठ प्रमुख कालोनियों में आमजन के बीच कार्य कर रहे हैं और जमीन कब्जाने, अवैध निर्माण व समुदाय विशेष की बढ़ती असामाजिक गतिविधियों के खिलाफ मुहिम में आगे बढ़कर कार्य कर रही है। वाहिनी के अध्यक्ष उपेंद्र शर्मा के अनुसार 250 से अधिक सदस्य प्रत्येक सप्ताह घर-घर दस्तक के लिए जनसंपर्क ग्रुप के रूप में कार्य कर रहे हैं और एक पत्रक भी लोगों को देते हैं। जिसमें एकजुटता, आपसी भाईचारा बढ़ाने के साथ जमीनों पर समुदाय विशेष के कब्जों पर रोक लगाने लोगों से आगे आने का आह्वान कर रहे हैं।
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2021-22, 390, 175
2022-23, 339, 120
2023-24, 418, 151
2024-25, 402, 169
2025-26, 275, 105
(रजिस्ट्री के आंकड़े, इनमें ज्यादातर पंजीयन वर्ग विशेष के है।)