नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। खितौला के इसास बैंक में 11 अगस्त को की गई डकैती की साजिश छत्तीसगढ़ की जेल में रची गई थी। जहां, पर जबलपुर जिले में रहने वाला एक बदमाश और बिहार का एक कुख्यात अपराधी बंद था। दोनों ने जेल में रहते हुए डकैती की योजना बनाई थी। जेल से छूटने पर अपने कुछ साथियों की मदद से वारदात को अंजाम दिया। यह जानकारी डकैती करने वाले गिरोह के सरगना बिहार के गया जिले के निवासी राजेश दास उर्फ अकाश दास की गिरफ्तारी पर सामने आयी है।
पुलिस अधीक्षक सम्पत उपाध्याय ने सोमवार को जानकारी दी कि आरोपित राजेश के साथ डकैती में लिप्त रहे बदमाश गया जिले के निवासी इंद्रजीत दास उर्फ सागर को भी गिरफ्तार किया गया है। दोनों आरोपियों को जबलपुर पुलिस की सूचना पर बिहार पुलिस ने पकड़ा। दोनों आरोपित को जबलपुर लगाया है। आरोपितों ने पूछताछ में वारदात में शामिल गिरोह के अन्य बदमाशों के बारे में भी जानकारी दी है। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
बैंक प्रबंधक की कनपटी पर बंदूक अड़ाकर दिन दहाड़े लाकर से 14.875 ग्राम सोना और पांच लाख आठ हजार 675 रुपये के नोट लूटे जाने पर पुलिस ने जांच की। घटना में पाटन के ग्राम उड़ना निवासी रईस लोधी उर्फ रहीस की भूमिका संदिग्ध मिली। छानबीन करने पर पता चला कि रईस अपराधिक प्रवृत्ति का है। वह चोरी के एक मामले में कुछ समय पूर्व छत्तीसगढ़ की रायगढ़ जेल में बंद था। जहां, पर छत्तीसगढ़ के एक बैंक में डकैती का आरोपित बिहार के गया जिले के डोभी थाना क्षेत्र के बीजा टोला निवासी राजेश दास उर्फ आकाश दास भी सजा काट रहा था। जो कि 18 जून को जेल से बाहर आया था। छानबीन में जेल छूटने के बाद राजेश और उसके साथियों की जबलपुर में सक्रियता का पता चला।
जांच में पता चला कि रईस ने राजेश और उसके साथियों को पाटन में किराया का कमरा दिलाया था। उसकी पुष्टि के बाद पुलिस कड़ियां जोड़ती चली गई। डकैती के सरगना राजेश तक पहुंची। खेत गड़ाया सोना, दूसरे गांव में किराए के घर में छिपा- डकैती के बाद आरोपितों ने लूट का सोना एवं नकदी आपस में बांटा एवं अलग-अलग ठिकाने में जाकर छिप गए। 29 अगस्त को बिहार के गया जिले के गुरुआ थाना क्षेत्र की नगमा पंचायत के चंददोखरा गांव से इंद्रजीत दास को 600 ग्राम सोने के साथ पकड़ा गया। उसका सरगना राजेश से कनेक्शन सामने आया।
पूछताछ में उसने बताया कि सरगना राजेश ने छिपने के लिए डोभी थाना क्षेत्र के औरवादोहर गांव में किराए के मकान लिया है। जहां, 31 अगस्त को छापेमारी कर पुलिस ने राजेश को दबोचा। जिसने पूछताछ में इसास बैंक डकैती करना स्वीकार किया। लाकर से लूटे गए सोने में से 3.112 ग्राम सोना और 50 हजार रुपये उसके हिस्से में आना बताया। लूटा गया सोना छिपाने के लिए इंद्रजीत के माध्यम से गांव के खेत में गड़ाना बताया।
मोटरसाइकिल पर हेलमेट और चेहरे पर मास्क लगाकर पहुंचे आरोपितों ने खितौला के इसास बैंक में डकैती की थी। आरोपितों ने बैंक के आपरेशनल मैनेजर की कनपटी पर कट्टा अड़ाकर लाकर खुलवाया। उसमें रखा सोना और नकदी लूट लिया था। पुलिस ने छानबीन के बाद बिहार के डकैती गिरोह के संपर्क में रहे रईस लोधी, आरोपितों को किराए मकान दिलाने वाले सोनू बर्मन, हेमराज और फिर फरारी में रईस का सहयोग करने वाले दमोह जिले के निवासी विकास चक्रवर्ती को पकड़ा था।
इस मामले में राजेश दास और इंद्रजीत दास की गिरफ्तारी के बाद मामले में अब तक कुल छह आरोपित दबोचे जा चुके है। सरगना राजेश दास कुख्यात बदमाश है। उसने वर्ष 2011 से 2025 के बीच गया, सासाराम, जमुई, पुरुलिया, छत्तीसगढ़ के रायगढ़ के बैंक में डकैती सहित सहित 12 से अधिक आपराधिक वारदातों को अंजाम दे चुका है।