नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। वाहन निर्माणी जबलपुर (वीएफजे) अपने महत्त्वाकांक्षी एमआरओ (मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉलिंग) प्रोजेक्ट को तेजी से आगे बढ़ा रही है। पहले चरण में भारतीय सेना के भरोसेमंद टी-72 टैंक की मरम्मत का कार्य जारी है। मरम्मत के बाद ट्रायल सफल रहते ही टी-90 टैंकों की खेप भी वीएफजे को भेजी जाएगी।
वीएफजे इस प्रोजेक्ट में ट्रिपल आइटीडीएम का तकनीकी सहयोग ले रही है, जो इसका तकनीकी साझेदार भी है। चेन्नई की हैवी व्हीकल फैक्ट्री से एक टी-72 टैंक वीएफजे को ओवरहॉलिंग के लिए सौंपा गया है। यह पहली बार है जब वीएफजे युद्धक टैंक के ओवरहॉलिंग के क्षेत्र में कदम रख रही है।
वर्तमान में टैंक के बाहरी हिस्सों से मरम्मत की शुरुआत की गई है। इसके बाद इंजन, चेसिस और अन्य प्रमुख हिस्सों को खोलकर उनकी ओवरहॉलिंग की जाएगी। जिन कलपुर्जों की आवश्यकता होगी, उन्हें चेन्नई समेत अन्य आयुध निर्माणियों और निजी कंपनियों से लिया जाएगा। इससे जबलपुर में एक नई सप्लाई चेन विकसित होगी, जो स्थानीय डिफेंस एंसेलरी उद्योगों के लिए बड़ा अवसर साबित हो सकती है।
वीएफजे और हैवी व्हीकल फैक्ट्री के बीच दो टी-72 टैंकों के ओवरहॉलिंग का अनुबंध हुआ है। इस प्रोजेक्ट के तहत फैक्ट्री में टैंक शॉप, आवश्यक मशीनरी और कलपुर्जों की व्यवस्था की जा रही है। टेस्ट ट्रैक के लिए फैक्ट्री एस्टेट में भूमि भी चिन्हित कर ली गई है।
इस प्रोजेक्ट के सफल रहने पर वीएफजे देश की दूसरी ऐसी आयुध निर्माणी बन जाएगी, जो टैंकों की ओवरहॉलिंग के साथ भविष्य में निर्माण कार्य भी कर सकेगी।