जबलपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि
सिहोरा के तीन युवक इटारसी में फंस गए। इन्हें जब कोई रास्ता नही दिखा तो रेलवे ट्रैक पर पैदल चलना शुरू किया और आखिर जबलपुर पहुंच गए। तीन दिन तक पैदल चलने के बाद गुरुवार रात वे मुख्य रेलवे स्टेशन पहुंचे तो उन पर जीआरपी नजर पड़ी। जीआरपी ने इनकी पीड़ा समझी और रात में उन्हें खाना दिया, जिसके बाद वे परिसर में ही सो गए। शुक्रवार सुबह तीनों युवक रवाना हो गए।
मंगलवार को शुरू किया पैदल चलना
सिहोरा निवासी तीन युवक इटारसी में काम करते हैं। लॉक डाउन होने के बाद जब मंगलवार को वे इटारसी स्टेशन पहुंचे, तो पता चला कि ट्रेने बंद हो गई हैं। इटारसी में भी रुकने का साधन नहीं था, इसलिए तीनों ने पैदल जबलपुर आने की ठानी। मंगलवार दोपहर तीनों इटारसी स्टेशन पहुंचे और रेलवे ट्रैक पर चलना शुरू किया।
स्टेशनों और गांवों में गुजारी रात
युवकों ने जीआरपी को बताया कि रात अधिक हो जाने या थक जाने की स्थिति पर वे किसी भी स्टेशन पर या गांव में रुक जाते थे। जिसके बाद वे फिर सुबह चलना शुरू करते। ट्रैक पर चलते हुए वे जबलपुर स्टेशन पहुंचे।
रात हुई तो रुके, दिया खाना
तीनों युवक प्लेटफॉर्म क्रमांक छह के बाहर बैठे थे। गश्त पर पहुंचे जीआरपी जवानों ने जब उनसे वहां बैठने का कारण पूछा, तो तीनों ने आपबीती बताई। तीनों युवकों की बात सुनने के बाद जीआरपी जवानों ने अपना खाने का डिब्बा उन्हें दे दिया। युवकों ने बताया कि तीन दिन में दो दिन बिना कुछ खाए पिए वे चलते रहे।
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तीन युवक इटारसी से पैदल जबलपुर स्टेशन पहुंचे। वे ट्रैक पर चलते-चलते आए थे। रात में खाना खिलाया गया और सुबह उन्हें सिहोरा रवाना कर दिया गया।
मंजीत सिंह, थाना प्रभारी, जीआरपी