Jabalpur News : जबलपुर नईदुनिया प्रतिनिधि। जबलपुर रेल मंडल में रेल दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सर्तकता बढ़ा दी गई है, बावजूद इसके एक के बाद एक लापरवाही ने सुरक्षा और संरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक बार फिर इटारसी-पिपरिया के बीच पटरियों के फैलने की घटना सामने आई, जिसमें जबलपुर रेल मंडल के अधिकारियों से लेकर सुरक्षा-संरक्षा के अनुभवियों की चिंता बढ़ा दी।
बुधवार सुबह लगभग 10 बजे रेलवे ट्रैक की पटरियां सर्प की तरह लहरा (फैल) गई। जैसे ही पटरियों की मरम्मत का काम कर रहे कर्मचारी हरकत में आए और तत्काल ट्रेनों की आवाजाही को रोक दिया गया। इटारसी-पिपरिया के बीच ट्रैक फैलने की घटना के बाद इसकी वजह जानने और लापरवाही करने वालों की पहचानने के लिए तीन विभाग इंजीनियरंग, आपरेटिंग और संरक्षा विभाग ने जांच शुरू कर दी है।
सूत्रों के मुताबिक गर्मियों के दिनों में सुबह लगभग साढ़े आठ के बाद पटरियों की मरम्मत का काम करने की मनाही है, बावजूद इसके यह काम किया गया, वो भी बिना ब्लाक लिए। वहीं मरम्मत के दौरान पटरी में लगी स्लीपर की चाबी को एक साथ खोल गया, जिससे वह फैल गईं।
जबलपुर रेल मंडल के वरिष्ठ अधिकारियों ने घटना के बाद इसकी वजह जानने के लिए मंथन किया। इस दौरान एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना था कि पटरियों का फैलने की वजह इसका वजन है। दरअसल एक पटरी 60 और दूसरी 62 किलो (प्रति मीटर वजन) की है । तापमान बढ़ने के बाद अधिक वजन की पटरी ने कम वजन की पटरी को अपनी ओर खींच लिया। चूंकि पटरियों को स्लीपर के सहारे लाक किया गया था, इस वजह से दोनों पटरी एक साथ फैलीं। जांच समिति, सभी पहलूओं पर जांच कर रही हैं, ताकि घटना की सही वजह का पता चला सके और इसके निष्कर्ष को मंडल के अलावा अन्य मंडल में भेजा जाए, ताकि ऐसे मामले दोबारा सामने न आएं।
अनुभवियों के मुताबिक सुबह साढ़े आठ बजे के बाद पटरियों की मरम्मत का काम करने से मना किया गया है। इसके बाद भी साढ़े आठ बजे के बाद भी काम हो रहा था। घटना सुबह 10 बजे की है। ट्रैकमेन ने चाबियों को खोलने वक्त लापरवाही की। चाबी खोलने के बीच इतना कम समय था कि पटरी संभली नहीं और फैल गईं। इसके बाद हड़कंप मच गया। इस ट्रैक पर यह दूसरी बड़ी लापरवाही है। इससे पहले 22 मार्च को भी इस ट्रैक पर सिग्नल-प्वाइंट के गलत तार जुड़ जाने से मालगाड़ी को ट्रैक बदल गया, जिसकी अभी तक जांच पूरी नहीं हुई है।
जबलपुर रेल मंडल के डीआरएम ने घटना की गंभीरता को देखते हुए जांच समिति गठित की। समिति में आपरेटिंग, इंजीनियरिंग, संरक्षा के अधिकारी सात दिन के भीतर जांच करेंगे। जांच में सभी पक्षों को लिया आैर मरम्मत के दौरान मौजूद सभी लोगों से पूछताछ हो रही है। चाबी खोली गई तो कितनी और इसकी परमिशन किसने की इसकी भी जांच।