नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। प्रकाश के महापर्व दीपावली के पूर्व संस्कारधानी के मुख्य व उपनगरीय बाजारों की रौनक देखते ही बन रही है। मंगलवार और बुधवार को क्रमश: मंगल व बुध पुष्य नक्षत्र के कारण बाजारों में ग्राहकों के उमड़ने की संभावना है। इस वर्ष दीपावली छह दिनी होने के कारण बाजार को अधिक लाभ होने की आशा है। माना जा रहा है कि ग्यारस तक बाजार के विभिन्न क्षेत्रों में बिक्री होती रहेगी।
दरअसल, सनातनी हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को करने और शुभ खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। 14 और 15 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है। वैदिक पंचाग के अनुसार मंगलवार 14 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 54 मिनट से पुष्य नक्षत्र शुरू होगा जिसका समापन बुधवार 15 अक्टूबर को प्रात: काल 12 बजे होगा।
ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्रों के बारे में बताया गया है, जिसमें से एक पुष्य नक्षत्र भी है। इसे सभी नक्षत्रों का राजा माना जाता है। यह एक शुभ नक्षत्र है। जब यह बुधवार के दिन पड़ता है तो इसे बुध पुष्य योग कहा जाता है। बुध ग्रह धन और बुद्धि का कारक है, जबकि पुष्य नक्षत्र शुभता और उन्नति का प्रतीक है। बुध पुष्य योग में किए गए कार्य आर्थिक उन्नति में सहायक होते हैं। व्यापार में लाभ और धन प्राप्ति के लिए यह योग विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
इस योग में व्यापार, शिक्षा या अन्य महत्वपूर्ण कार्यों की शुरुआत करना बहुत शुभ माना जाता है। संपत्ति खरीदने, नया व्यवसाय शुरू करने या धन निवेश करने के लिए यह दिन सबसे अच्छा माना जाता है। गृह निर्माण, गहनों की खरीदारी और पारिवारिक निर्णयों के लिए यह दिन शुभ होता है। यह योग गृहस्थ जीवन में शांति और संतुलन लाता है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करना बेहद फलदायी माना जाता है। विशेष रूप से इस दिन गणेशजी की उपासना करना लाभकारी माना गया है।
पुष्य नक्षत्र में सभी प्रकार की खरीदी शुभ और स्थायी होती है। इसलिए इस दिन सोना, चांदी, आभूषण, वस्त्र, भूमि, भवन, वाहन खरीदना शुभ माना जाता है। पुष्य नक्षत्र के लिए शहर के बाजार सज चुके हैं। लोगों को खरीदारी के लिए महा मुहूर्त का इंतजार है। दुकानों को आकर्षक रोशनी से सजाया गया है। पुष्य नक्षत्र पर जमकर खरीदारी की जाएगी व बाजार में धनवर्षा होगी। इसके लिए बाजार सज गए हैं।
ज्योतिषाचार्यों पं. सौरब दुबे के अनुसार पुष्य नक्षत्र 14 अक्टूबर को शाम 5.17 बजे से प्रारंभ होगा। यह अगले दिन 15 अक्टूबर को शाम 4.39 बजे तक रहेगा। नक्षत्र की कुल अवधि 23 घंटा 22 मिनट रहेगी । मंगलवार के बाद बुधवार को भी पूरे दिन पुष्य नक्षत्र में जमकर खरीदारी होगी।