नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। खनिज विभाग जबलपुर की सीमा में आने वाली खदानों में अवैध उत्खनन करने के आरोप में विधायक संजय पाठक से 443 करोड़ वसूलने की तैयारी शुरू हो गई है। यह जिम्मा जबलपुर खनिज विभाग को दिया गया है। विभाग के अधिकारियों ने वसूली करने के लिए जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना से स्वीकृति मांगी है। विभाग ने इस संबंध में मांग पत्र तैयार कर कलेक्टर को भेजा है, लेकिन गुरुवार तक इस पर सहमति नहीं मिल सकी। अब संभवतः शुक्रवार को कलेक्टर इस पर सहमति देंगे, जिसके बाद संजय पाठक से वसूली की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
दरअसल, संजय पाठक ने सन् 2004 से 2017 तक अपनी खदानों में तय सीमा से ज्यादा उत्खनन किया। इसकी जानकारी न तो जबलपुर खनिज विभाग को लगी और न ही भोपाल में बैठे अधिकारियों को। करीब 13 साल तक विधायक ने अपनी स्वीकृत खदानों से तय मात्रा से ज्यादा उत्खनन किया, लेकिन कागजों पर तय सीमा में ही उत्खनन दिखाया गया। इसकी शिकायत जब भोपाल पहुंची तो हड़कंप मच गया और जांच टीम गठित कर संजय पाठक की मां और बेटे के नाम पर ली गई खदानों की जांच की गई।
दरअसल भोपाल खनिज विभाग की टीम ने कुछ दिन पहले संजय पाठक की मां निर्मला पाठक और पुत्र यश पाठक के नाम पर ली गई खदानों की जांच की। इसमें आनंद माइनिंग कॉर्पोरेशन, निर्मला मिनरल्स, पैसेफिक एक्सपोर्ट और आनंद माइनिंग कार्पोरेशन ने ली खदानों में अवैध उत्खनन लिया। जांच के बाद खनिज विभाग ने आनंद माइनिंग पर 234.51 करोड़, निर्मला मिनरल पर 126.79, पैरोफिक एक्सपोर्ट पर 81.79 करोड़ और आनंद कॉर्पोरेशन से 20.02 करोड़ की पेनल्टी लगाई है। इसे वसूलने का काम जबलपुर जिला प्रशासन को दिया गया है।
जिले के खनिज विभाग द्वारा मांग पत्र पर कलेक्टर से सहमति के बाद वसूली के लिए नोटिस जारी किए जाएंगे। इतना ही नहीं भुगतान न करने पर संजय पाठक की खदानों में उत्खनन करने पर रोक भी लग सकती है। वसूली न हो, इसलिए निवेश कर दिया हाल ही में कटनी में हुए कॉन्क्लेव में देशभर की खनिज क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों ने निवेश किया। इस दौरान संजय पाठक की फर्मों पर लगाए 443 करोड़ के जुर्माना को लेकर चर्चा रही।
अवैध उत्खनन पर सरकार के रुख को ठंडा करने के लिए संजय पाठक ने अपनी और अपने बेटे यश पाठक की फर्मों द्वारा निवेश करने की राशि में इजाफा किया और बढ़ाकर चार हजार करोड़ कर दिया गया। हालांकि इस दौरान मुख्यमंत्री और खनिज विभाग के आला अधिकारियों ने इस निवेश पर संजय पाठक की प्रशंसा भी की।
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इसके बाद यह कयास लगाए गए कि अब सरकार, जुर्माने की राशि वसूलने पर जोर नहीं देगी, लेकिन अचानक हाईकोर्ट के जस्टिस विशाल मिश्रा की ऑर्डर शील पर संजय पाठक द्वारा फोन पर अप्रोच लगाने की बात कही, जिसके बाद आनन-फानन में जुर्माना की कार्रवाई को आगे बढ़ाया गया।
जबलपुर खनिज अधिकारी एके राय ने कहा कि भोपाल से आए आदेश के बाद जुर्माना वसूलने की कार्रवाई के संबंध में मांग पत्र तैयार किया गया है, जिस पर कलेक्टर की सहमति के बाद जुर्माना वसूलने की कार्रवाई को आगे बढ़ाया जाएगा।