नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी की पेंशन से की जा रही कटौती पर रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति मनिंदर सिंह भट्टी की एकलपीठ ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और भोपाल के डिप्टी कमिश्नर को नोटिस जारी करते हुए एक माह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है।
यह मामला भोपाल निवासी सेवानिवृत्त डीएसपी कृष्ण कुमार वर्मा से जुड़ा है। वर्मा की ओर से अधिवक्ता अजय रायजादा ने कोर्ट में पक्ष रखते हुए बताया कि विभाग ने वर्ष 2022 में “अधिक भुगतान” का हवाला देते हुए वर्मा पर 7 लाख रुपये की रिकवरी थोप दी थी। इसके बाद फरवरी 2023 में वर्मा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए विभाग ने उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी। इस कार्रवाई को उन्होंने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
कोर्ट ने मार्च 2024 में अपने आदेश में स्पष्ट निर्देश दिए थे कि याचिकाकर्ता को सेवानिवृत्ति से संबंधित सभी देयकों का भुगतान किया जाए। लेकिन इसके बावजूद विभाग ने निर्देशों की अवमानना करते हुए वर्मा की पेंशन से 10 प्रतिशत की कटौती शुरू कर दी। वर्मा ने इसे लेकर अवमानना याचिका भी दायर की, जिसके बाद मामला फिर से न्यायमूर्ति भट्टी की अदालत में आया। सुनवाई के दौरान अदालत ने विभाग की कार्रवाई पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि जब कोर्ट पहले ही देयकों के भुगतान के निर्देश दे चुका है, तो पेंशन से कटौती करना प्रथम दृष्टया उचित नहीं ठहराया जा सकता।
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इस आधार पर कोर्ट ने विभागीय आदेश पर अस्थायी रोक (स्टे) लगाते हुए गृह विभाग, डीजीपी और डिप्टी कमिश्नर भोपाल से विस्तृत जवाब मांगा है। अब इस मामले की अगली सुनवाई आगामी तिथि पर होगी, जब विभाग को यह बताना होगा कि पहले सेवानिवृत्त अधिकारी को भुगतान के आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया और किन आधारों पर उनकी पेंशन से कटौती की गई।