MP High Court: हाई कोर्ट ने देह व्यापार मामले में तय आरोपों के विरुद्ध निरस्त की याचिका
यह मामला जबलपुर निवासी ऋषभ की ओर से दायर किया गया था, जिसमें कहा गया था कि गोराबाजार पुलिस ने उसे वेश्यावृत्ति के आरोप में गिरफ्तार किया था।
By Paras Pandey
Edited By: Paras Pandey
Publish Date: Thu, 11 Apr 2024 08:56:26 PM (IST)
Updated Date: Thu, 11 Apr 2024 08:56:26 PM (IST)
वेश्यावृत्ति के लिए भुगतान को अपराध की श्रेणी में रखा जबलपुर, (नईदुनिया प्रतिनिधि)। हाई कोर्ट ने देह व्यापार मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा तय किए गए आरोपों के विरुद्ध दायर याचिका निरस्त कर दी। न्यायमूर्ति जीएस अहलूवालिया की एकलपहठ ने अपने आदेश में साफ किया कि वेश्यावृत्ति के लिए भुगतान अपराध की श्रेणी में रखे जाने योग्य है। अभियोजन के पास पर्याप्त साक्ष्य है कि याचिकाकर्ता ने वेश्यावृत्ति के लिए राशि का भुगतान किया था।
यह मामला जबलपुर निवासी ऋषभ की ओर से दायर किया गया था, जिसमें कहा गया था कि गोराबाजार पुलिस ने उसे वेश्यावृत्ति के आरोप में गिरफ्तार किया था। जबलपुर जिला अदालत ने उसके विरुद्ध अनैतिक देह व्यापार की धारा-5 व 6 के तहत आरोप तय कर दिए हैं। वह अनैतिक देह व्यापार में लिप्त नहीं था।
![naidunia_image]()
मामले की सुनवाई दौरान सरकार की ओर से न्यायालय को बताया गया कि छापेमारी के दौरान दलाल के ठिकाने के याचिकाकर्ता एक कमरे में आवेदक एक युवती के साथ आपत्तिजनक स्थिति में मिला था। इसके अलावा आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद हुई थी।
अभियोजन के पास इस बात के साक्ष्य है कि आरोपित ने वेश्यावृत्ति के लिए राशि का भुगतान किया था। जिसे गंभीरता से लेकर ट्रायल कोर्ट आरोप तय किए हैं। लिहाजा, उन्हें याचिका के जरिये हाई कोर्ट में दी गई चुनौती बेमानी है। हाई कोर्ट ने तर्क से सहमत होकर याचिका निरस्त कर दी।