डिजिटल डेस्क, जबलपुर। मध्य प्रदेश के लोगों को शनिवार को प्रदेश के सबसे लंबे फ्लाईओवर की सौगात मिली है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसका उद्घाटन किया, जिसके बाद यह आम जनता के लिए खोल दिया गया है।
इसका नाम वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम पर रखा गया है। महानद्दा में आयोजित कार्यक्रम में जबलपुर सांसद सहित मंत्री और विधायक भी उपस्थित रहे। यह फ्लाईओवर 1150 करोड़ की लागत से बना है।
इस फ्लाईओवर के खुलने के बाद अब सात किलोमीटर का सफर लगभग सात मिनट में पूरा होगा। फिलहाल अभी इतनी दूरी तय करने में 25 मिनट से ज्यादा का समय लगता है।
इसके साथ ही 12 मीटर की ऊंचाई वाले फ्लाईओवर से शहर की खूबसूरती भी देखते ही बनती है। इसके अलावा देश का सबसे लंबा रेल केबल स्टे ब्रिज भी आकर्षण का केंद्र है, जिसकी इंजीनियरिंग को देखने और समझने देशभर के इंजीनियर बेताब हैं।
फिलहाल दमोहनाका से मदन महल के बीच आने में कई जगह ट्रैफिक होने से जाम, वाहन की स्पीड 20-25 किमी प्रति घंटा, चौराहे पर मिलने वाले सिग्नल आदि पड़ते हैं। इसकी वजह से ईधन की खपत ज्यादा होती है।
लेकिन अब जबकि फ्लाईओवर से सीधे डेस्टिनेशन तक पहुंच सकते हैं, इससे जहां हवा में प्रदूषण भी कम होगा। वहीं ईंधन की बचत होगी।
इसकी वजह से आम आदमी की जेब पर कम बोझ आएगा। इसके साथ ही शहर की वायु गुणवत्ता के सुधार में भी मदद मिलेगी।
इसके शुरू होते ही यातायात भी सुगम होगा। इस तरह यह फ्लाईओवर जबलपुर की शहरी यातायात व्यवस्था में एक बड़ा परिवर्तन लाने वाला है।
निर्माण के दौरान भूमि अधिग्रहण, मापदंडों से अधिक चौड़ाई और मुआवजे से जुड़ी कई कानूनी चुनौतियां सामने आईं।
हाई कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गईं, जहां न्यायालय ने निर्धारित प्रक्रिया के तहत मुआवजा देने का आदेश दिया।
नए फ्लाईओवर की चौड़ाई 12 मीटर है, इसमें तीन लेन हैं जिससे वाहनों को आवाजाही में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।
फ्लाईओवर पर वाहनों को चढ़ने और उतरने के लिए आठ लेन बनाए गए हैं। आवागमन को लेकर किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए डिजिटल सिग्नल 12 स्थानों पर लगाए गए हैं ताकि रात के वक्त भी वाहन चालक फ्लाईओवर पर आसानी से सड़क मार्ग पर चल सकें।
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