
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के अंतर्गत जिले की आठों विधानसभा क्षेत्र में ढाई लाख से अधिक मतदाता गायब मिले। ऐसे मतदाताओं को एएसडीआर (अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृत और रिपिटेड) श्रेणी में रखा गया है। सत्यापन में पता चला कि इन 2 लाख 62 हजार 722 मतदाताओं में से 50 हजार 992 मृत हो चुके हैं। शेष 2 लाख 11 हजार 730 मतदाता प्रशासन की चिंता बढ़ा रहे हैं। जिले के सात विधानसभा क्षेत्रों (पाटन, बरगी, सिहोरा, पनागर, जबलपुर उत्तर, जबलपुर पश्चिम एवं जबलपुर पूर्व) में यह काम पहले ही पूरा कर लिया गया था।
दो लाख 11 हजार 730 मतदाताओं में 1 लाख 18 हजार 898 दूसरी जगह जा चुके हैं, जो सत्यापन के दौरान नहीं मिले। 77 हजार 450 ऐसे मतदाता के नाम भी सूची में दर्ज हैं, जो सत्यापन के दौरान अनुपस्थित पाए गए और बूथ स्तर पर नहीं मिले। इसके अलावा, 1 हजार 900 ऐसे मतदाताओं के नाम भी सामने आए हैं, जिनके बारे में बीएलओ कोई जानकारी नहीं निकाल पाए। मतलब वोटर सूची में इनके नाम दर्ज हैं पर अब इनका पता-ठिकाना ज्ञात नहीं हो पा रहा है, जिससे प्रशासन की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि ये संदिग्ध भी हो सकते हैं। जिला निर्वाचन कार्यालय यह पता लगाने में जुटा है कि इन एक हजार 900 मतदाताओं के नाम किस आधार पर मतदाता सूची में जोड़े गए थे।
जिले की सभी आठ विधानसभा क्षेत्रों में सोमवार से एएसडीआर श्रेणी में दर्ज मतदाताओं की सूची का वाचन प्रारंभ किया गया है। 11 दिसंबर तक वाचन के दौरान यदि एएसडीआर सूची में से कोई मतदाता जीवित या उपस्थित पाया जाता है, तो बीएलओ द्वारा उसे फिर से मेप किया जा सकेगा। यदि किसी मतदाता का नाम एएसडीआर श्रेणी सूची में शामिल हो गया है, लेकिन वास्तव में वह उसी विधानसभा क्षेत्र में निवासरत है, तो इसकी सूचना बीएलओ को दी जा सकेगी। बीएलओ ऐसे मतदाता का नाम एएसडीआर सूची से हटाने की कार्रवाई करेंगे, ताकि उनके नाम 16 दिसंबर को प्रकाशित होने वाली प्रारूप मतदाता सूची में शामिल हो सकें। इसके बाद भी यदि संबंधितों की जानकारी न मिलने पर एएसडीआर श्रेणी में दर्ज मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए जाएंगे।
एएसडीआर श्रेणी में दर्ज मतदाताओं में सर्वाधिक करीब 51 हजार मतदाता पूर्व विधानसभा क्षेत्र के बताएं जा रहे हैं। जबकि 47 हजार पश्चिम में और 41 हजार से ज्यादा कैंट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सामने आए हैं। इसका कारण ये बताया जा रहा है कि पूर्व और कैंट विधानसभा में ज्यादातर मतदाता फैक्ट्री कर्मी व सैन्य क्षेत्र के थे, जो स्थानांतरित हो गए।
यदि एएसडीआर श्रेणी में दर्ज लगभग दो लाख मतदाताओं के नाम काटे गए, तो इसका सीधा असर आगामी नगरीय चुनावों में देखा जा सकेगा। क्योंकि एक वार्ड से यदि तीन हजार मतदाता भी कम हुए तो प्रत्याशी की मुश्किल बढ़ सकती है।
एएसडीआर श्रेणी में दर्ज मतदाताओं की सूची का बूथ स्तर पर वाचन कराया जा रहा है। यदि किसी मतदाता का नाम एएसडीआर में दर्ज हो गया है, लेकिन वास्तव में वह उसी विधानसभा क्षेत्र में निवासरत है तो इसकी सूचना बीएलओ को दी जा सकेगी। पता नहीं चलने पर एएसडीआर श्रेणी में दर्ज मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए जाएंगे। - ज्योति परस्ते, उप जिला जिला निर्वाचन अधिकारी