मान्यता खत्म होने के बाद टीसी और मार्कशीट के लिए भटके अभिभावक, बीआरसी की दखल के बाद भी नहीं मिला समाधान
शहपुरा के प्रोविनेट स्कूल की मान्यता समाप्त होने के बाद करीब 30 छात्रों के अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। पिछले दो महीनों से वे लगातार स्कूल से ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) और मार्कशीट की मांग कर रहे हैं, लेकिन स्कूल प्रशासन से उनको यह नहीं दिया जा रहा है।
Publish Date: Sun, 20 Jul 2025 09:40:39 AM (IST)
Updated Date: Sun, 20 Jul 2025 09:40:39 AM (IST)
प्रोविनेट स्कूल की मान्यता समाप्त होने से भटक रहे बच्चे।HighLights
- प्रोविनेट स्कूल की मान्यता समाप्त होने से भटक रहे बच्चे।
- दूसरी जगह दाखिले के लिए कर रहे ट्रांसफर सर्टिफिकेट।
- बीआरसी के दखल के बाद भी स्कूल प्रशासन नहीं मान रहा।
नईदुनिया प्रतिनिधि, शहपुरा, भिटौनी। शहपुरा के प्रोविनेट स्कूल की मान्यता समाप्त(Provinate School recognition cancelled) होने के बाद करीब 30 छात्रों के अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। पिछले दो महीनों से वे लगातार स्कूल से ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) और मार्कशीट(TC and marksheet issue) की मांग कर रहे हैं, ताकि बच्चों का दाखिला अन्य स्कूलों में कराया जा सके।
शनिवार को जब अभिभावकों का धैर्य जवाब दे गया, तो उन्होंने विकासखंड स्रोत समन्वयक (बीआरसी) से मदद की अपील की। बीआरसी आशीष साहू जब अपनी टीम के साथ स्कूल पहुंचे, तो स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों के बीच तीखा विवाद शुरू हो गया।
स्कूल संचालक का आरोप है कि सरकार ने शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत पढ़ रहे बच्चों की दो वर्षों की फीस रोक रखी है। इसलिए वे अभिभावकों से नोटराइज्ड स्टाम्प पेपर पर यह लिखवाकर ले रहे हैं कि यदि प्रशासन फीस का भुगतान नहीं करता, तो अभिभावक स्वयं उसे चुकाएंगे।
इस पर अभिभावकों ने तीव्र आपत्ति जताई। उनका कहना है कि उन्होंने स्कूल की पूरी फीस पहले ही अदा कर दी है, लेकिन स्कूल उन्हें रसीद तक नहीं दे रहा। अभिभावक विनय दुबे, उमा झरिया और अर्जुन मल्लाह ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधन मनमाने ढंग से अपने नियम थोप रहा है और जब कुछ अभिभावक अपनी भाषा में स्टाम्प पेपर लेकर पहुंचे, तो स्कूल ने उसे भी खारिज कर दिया।
अभिभावकों ने यह भी आरोप लगाया कि स्कूल स्टाफ उनसे ऊंची आवाज में बात कर रहा है और प्रशासन, कलेक्टर या कोर्ट में जाने की धमकी दे रहा है।
बीआरसी ने दिया दो दिन का समय
बीआरसी आशीष साहू ने स्कूल प्रबंधन को स्पष्ट निर्देश दिए कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसलिए तत्काल टीसी और मार्कशीट दी जाए। लेकिन स्कूल अपनी शर्तों पर अड़ा रहा। करीब दो घंटे तक चली बहस के बाद, बीआरसी ने स्कूल को दो दिन का समय दिया और चेतावनी दी कि यदि इस अवधि में बच्चों को दस्तावेज नहीं दिए गए, तो विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि आरटीई के तहत पढ़ रहे बच्चों का दाखिला नजदीकी सरकारी स्कूलों में सुनिश्चित किया जाएगा।