नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री के खिलाफ टिप्पणी करने वाले कांग्रसी नेता की याचिका रद्द कर दी है। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने पाकिस्तान से युद्ध विराम को लेकर फेसबुक अकाउंट पर प्रधानमंत्री पर टिप्पणी करने वाले किसान कांग्रेस के प्रदेश महासचिव यादवेंद्र पांडे के विरुद्ध दर्ज एफआइआर निरस्त करने से इनकार कर दिया।
कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अभियोजन द्वारा याचिकाकर्ता के विरुद्ध पर्याप्त सामग्री एकत्र की गई है। मामले में जांच अभी भी लंबित है। दरअसल, शहडोल निवासी राकेश कुशवाहा ने 13 मई, 2025 को सिंहपुर पुलिस थाने में यादवेंद्र पांडे के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई थी।
आरोप है कि यादवेंद्र पांडे ने अपने फेसबुक अकाउंट पर हास्यास्पद तस्वीरें पोस्ट की हैं और एक वीडियो वायरल किया है, जिसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के दबाव में आकर हमला/युद्ध वापस ले लिया है।
याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि उसने अपने फेसबुक अकाउंट पर कोई वीडियो अपलोड या पोस्ट नहीं किया है।
साथ ही याचिका में बताया गया है कि अभियुक्त के द्वारा भारतीय सेना को अपमानित करने वाला कोई भी शब्द कहा है। राज्य शासन की ओर से उपमहाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने कहा कि एफआइआर में पर्याप्त सामग्री उपलब्ध है, जिससे पता चलता है कि याचिकाकर्ता कथित अपराध में प्रथमदृष्ट्या शामिल है।
विवादित जमीन पर तीसरे पक्ष के हित सृजन पर रोक
जबलपुर हाई कोर्ट ने एक अन्य मामले में विवादित जमीन को लेकर सुनवाई की। इस दौरान न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने लम्हेटाघाट रोड स्थित दलपतपुर में विवादित जमीन पर तीसरे पक्ष का हित सृजित करने पर रोक लगा दी। इस अंतरिम आदेश के साथ ही अगली सुनवाई के दौरान संबंधित जमीन के रिकार्ड पेश करने के निर्देश दे दिए।
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याचिकाकर्ता नरसिंहपुर निवासी गुड्डी बाई की ओर से अधिवक्ता केके पांडे, कौशलेश पांडे और सिद्धार्थ पांडे ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि स्व. मूलचंद ने दलपतपुर स्थित खसरा नंबर 78 की जमीन बंटवारे में उमाशंकर, गुड्टी बाई और मुन्नी बाई को दी थी। उक्त जमीन के 1.11 हेक्टेयर क्षेत्र में शीतल छाया बिल्डर की प्रोप्राइटर गीता रावत की ओर बिना शासकीय शुल्क एवं नियमों का पालन किए कालोनी निर्माण का कार्य शुरू कर दिया गया।