जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प किया जाना है। रेलवे ने अमृत योजना में जबलपुर रेल मंडल के छोटे-बड़े 15 रेलवे स्टेशनों को चुना गया है। इन स्टेशनों में यात्री सुविधा, सुरक्षा और संरक्षा के सभी काम होंगे। दिक्कत यह है कि रेलवे बोर्ड ने योजना में जारी कर दी, लेकिन अभी तक इसके लिए बजट नहीं दिया। अब इसकी पूर्ति करने के लिए रेलवे अपनी पुरानी छाता योजना से इन स्टेशनों का कायाकल्प करेगा। दरअसल, रेलवे को हर साल बजट में छाता योजना के तहत एक बड़ी राशि विकास कार्य के लिए मिलती है। इसमें खास तौर पर यात्री सुविधा और सुरक्षा से जुड़े काम होते हैं। जो राशि मंडल को इस योजना से मिली है, उसका उपयोग अब सीधे तौर पर 15 स्टेशनों में प्लेटफार्म, सर्कुलेशन एरिया बढ़ाने से लेकर मुख्य भवन का निर्माण समेत कई काम होंगे।
यह है छाता योजना:
इसे छाता शब्द देने के पीछे रेलवे की मंशा यह थी कि एक छत के नीचे वो सारे काम, जो सीधे तौर पर यात्री की सुविधाओं से जुड़े हैं, वो पूरे हो जाएं। फिर वह इंजीनियरिंग, कमर्शियल, आपरेटिंग, मैकेनिकल और विद्युत विभाग के क्यों न हो। खास बात यह है कि पहले इस योजना के लिए बजट की राशि सांसदों को अपनी नीति से देनी थी। लेकिन जबलपुर मंडल में कुछ सांसदों ने ही इस पर रुचि दिखाई, लेकिन इसे सफलता नहीं मिली। इसके बाद रेलवे ने केंद्रीय बजट में इस योजना के लिए एक बड़ी राशि हर रेल मंडल स्तर पर तय की जाने लगी। जबलपुर रेल मंडल के लिए छाता योजना में लगभग 400 करोड़ से ज्यादा का बजट है। 15 स्टेशनों के कायाकल्प में लिए यह राशि पर्याप्त है।
दो कंसल्टेंसी तैयार कर रहीं खाका:
रेलवे ने अमृत योजना में जिन 15 रेलवे स्टेशनों को शामिल किया है। उसमें बड़े और छोटे, दोनों रेलवे स्टेशन हैं। इसमें जहां जबलपुर मंडल का पिपरिया और गोटेगांव जैसा स्टेशन शामिल हैं तो वहीं कटनी, सागर, रीवा और दमोह स्टेशन भी हैं। इन स्टेशनों पर क्या काम होंगे, उन्हें कैसे किया जाएगा। वह सीधे तौर पर यात्रियों के लिए कितने उपयोगी होंगे। यह सब की योजना बनाने का काम रेलवे ने दो कंसल्टेंसी को दिया है। इन्होंने सभी स्टेशनों पर जाकर सर्वे का काम पूरा कर लिया। वहीं कौन सा स्टेशन, इस संस्कृति-कला से जोड़ा जा सकता है, इसके लिए भी स्थानीय कलाकार और सामाजिक संगठनों से राय ली गई है।
इन स्टेशनों की बदलेगी काया:
कटनी, सागर, दमोह, कटनी साउथ, पिपरिया, नरसिंहपुर, पिपरिया, श्रीधाम, गोटेगांव, गाडरवारा, ब्यौहारी, सिहोरा, रीवा, बरगवां, मझगवां हैं।
ये काम होंगे:
- प्लेटफार्म की लंबाई और चौड़ाई बढ़ेगी, ताकि बड़े कोच की ट्रेनें खड़ी हो सकें।
- प्लेटफार्म पर स्टाल और बैठने की व्यवस्था होंगी, ताकि यात्री को भोजन और बैठने की व्यवस्था हो।
- मुख्य भवन को नया और सुंदर बनाया जाएगा, ताकि स्थानीय कला को भवन में उकेरा जा सके।
- सर्कुलेशन एरिया में पार्किंग व्यवस्था सुधरेगी, ताकि वाहनों को व्यवस्थित खड़ा किया जा सके।
इन्होंने यह कहा...
जबलपुर रेल मंडल के 15 स्टेशनों का अमृत योजना के तहत कायाकल्प किया जाना है। इसमें होने वाले कार्यों की बजट की भरपाई छाता योजना से की जा रही है।
-राहुल श्रीवास्तव, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पमरे