79 वर्षीय वृद्ध से डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 45 लाख की ठगी, DCP बनकर डराया
शहर में एक 79 वर्षीय वृद्ध से ठगों ने डिजिटल अरेस्ट(digital arrest scam) का डर दिखाकर 45 लाख रुपये ठग लिए। ठगों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर उन्हें मनी लांड्रिंग का आरोपी बताया और गिरफ्तारी की धमकी दी। चलिए, जानते हैं कि पूरा मामला क्या है।
Publish Date: Sat, 19 Jul 2025 02:34:35 PM (IST)
Updated Date: Sat, 19 Jul 2025 02:34:35 PM (IST)
79 वर्षीय वृद्ध से डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 45 लाख की ठगी(फाइल फोटो)HighLights
- साइबर ठगी के मामले अभी भी कम होने का नाम नहीं ले रहे।
- जबलपुर में 79 वर्षीय वृद्ध से ठगों ने डिजिटल अरेस्ट किया ।
- वृद्ध से ठगों ने 45 लाख रुपये ठग लिए, DCP बनकर डराया।
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। शहर में एक 79 वर्षीय वृद्ध से ठगों ने डिजिटल अरेस्ट(digital arrest scam) का डर दिखाकर 45 लाख रुपये ठग लिए। ठगों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर उन्हें मनी लांड्रिंग(money laundering fraud) का आरोपी बताया और गिरफ्तारी की धमकी दी। दो दिन तक वृद्ध को फोन कैमरा ऑन रखकर मानसिक दबाव में रखा गया और उनके बैंक खाते से बड़ी रकम अपने खाते में ट्रांसफर करा ली। इस मामले की शिकायत शुक्रवार को राज्य साइबर सेल से की गई है।
15 जुलाई को आया था पहला कॉल
ओबेराय रेसीडेंसी, चेरीताल जगदंबा कॉलोनी निवासी वीके कपूर (79) को 15 जुलाई की सुबह 9:30 बजे मोबाइल नंबर 8750987282 से कॉल आया। कॉल करने वाले ने आरोप लगाया कि वह अपने मोबाइल से अश्लील बातें करते हैं और उनका नंबर बंद किया जा रहा है। विरोध करने पर कॉलर ने उन्हें 'विजय खन्ना' नामक अधिकारी से बात कराने को कहा।
डीसीपी बनकर धमकाया(fake DCP call)
इसके बाद विजय खन्ना नाम के व्यक्ति ने खुद को DCP बताकर बात की और वृद्ध का मोबाइल कैमरा ऑन करने को कहा। फिर वीडियो कॉल पर कहा गया कि वह खुफिया निगरानी में हैं, फोन बंद न करें। इसके बाद एक और शख्स को डायरेक्टर-DCP बताकर कॉल में जोड़ा गया। उसने वृद्ध को मनी लांड्रिंग में फंसा बताया और कहा कि उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हो चुका है।
यस बैंक खाते में डलवाए रुपये
दो दिन तक गिरफ्तारी का डर दिखाकर ठग वृद्ध को मानसिक दबाव में रखते रहे। डरकर 17 जुलाई को वीके कपूर ने एसबीआई की रिज रोड शाखा से अपने खाते से 45 लाख रुपये निकालकर आरोपितों के बताए यस बैंक के खाते क्रमांक 01606370000100 में ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद ठगों ने कॉल उठाना बंद कर दिया।