नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। जबलपुर की ग्राम पंचायत में फर्जी बिल बनवाने और फिर उसके नाम पर राशि निकलाने का खेल जमकर चल रहा है। जबलपुर की कई ग्राम पंचायतों में ऐसी दुकानों से फर्जी बिल बनवाए जा रहे हैं, जो है ही नहीं। यहां तक कि इन दुकानों के न तो बोर्ड लगे हैं और न ही यह माल सप्लाई करते हैं। ऐसा ही एक प्रकरण खमरिया से लगे ग्राम पंचायत पिपरिया कला का सामने आया है।
यहां के सचिव रविशंकर नामदेव और सरपंच संतोष कुमार ने मिलकर करीब 44 हजार रुपये का फर्जी बिल बनवाया, लेकिन दिक्कत यह हो गई कि जिस दुकान का बिल बनाया गया, वो अस्तित्व में ही नहीं है। उसकी न तो कोई शाॅप है और न ही किसी तरह का कोई व्यापार। बिल में बकायदा जीपी ट्रेडर्स का नाम लिखकर यहां से करीब 22 हजार 500 की एमसेड, 17,500 की गिट्टी और करीब 4 हजार की मुरम का बिल बनवाया गया।
यह बिल सामने आते ही हड़कंप मच गया। पिपरिया कला में चल रहे फर्जी बिल और गबन का खेल उजागर हो गया है। सूत्र बताते हैं कि इससे पूर्व में यहां पर कई फर्जी बिल लगाए गए और इसका कमीशन जिम्मेदारों को भी पहुंचाया गया, ताकि बिल आसानी से पास हो जाए। दरअसल क्षेत्र में चले रहे निर्माण कार्य के दौरान लगने वाली सामग्री को यहां-वहां से मंगवाने के बाद इसके लाखों रुपये के फर्जी बिल बनवाए जा रहे हैं।
इसमें सचिव और सरपंच की भी मिली भगत सामने आई है। इधर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुएं जांच कराने की बात कही। वहीं जिला पंचायत के सहायक सीईओ मनोज सिंह ने इस मामले को संज्ञान में लेकर जांच करने के निर्देश दिए।
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