नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। अब जेट प्रेशर तकनीक का इस्तेमाल कर वर्षाकाल में भी सड़कों के गड्ढे भरे जा सकेंगे। रविवार को राजवाड़ा क्षेत्र में इस नई तकनीक से पेचवर्क का काम शुरू हुआ। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इसका शुभारंभ किया। इस अवसर पर विधायक गोलू शुक्ला, जनकार्य प्रभारी राजेंद्र राठौर सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। नई तकनीक से शहर की सड़कों को गड्ढामुक्त बनाने पर नगर निगम पौने दो करोड़ रुपये खर्च करेगा।
जन कार्य प्रभारी राठौर ने बताया कि पेचवर्क थ्रू जेट प्रेशर तकनीक की विशेषता है कि वर्षा के मौसम में भी डामरीकरण का काम आसानी से किया जा सकता है। इस तकनीक का उपयोग वर्तमान में देश के जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश और गोवा में किया जा रहा है। इस तकनीक का इस्तेमाल करने वाला इंदौर नगर निगम प्रदेश का पहला नगर निगम है।
इस अवसर पर महापौर ने कहा कि हमारा प्रयास है कि नई एवं आधुनिक तकनीकों के माध्यम से सड़क निर्माण एवं मरम्मत कार्य तेजी से एवं उच्च गुणवत्ता के साथ किए जाएं। इस तकनीक के उपयोग से सड़कों की मजबूती बढ़ेगी, कार्य की गति तेज होगी तथा वर्षा में होने वाली समस्याओं का समाधान मिलेगा।
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जन कार्य प्रभारी राठौर ने बताया कि इस तकनीक में ठंडा डामर इस्तेमाल किया जाता है। जेट प्रेशर पाइप से पानी भरे गड्ढे से पानी निकालकर गड्ढे को सुखाया जाता है। इसके बाद जेट प्रेशर से ठंडा डामर गड्ढे पर बिछाया जाता है। जेट पाइप से बारीक गिट्टी बिछाई जाती है। इसके बाद एक बार फिर डामर बिछाया जाता है। इसके बाद गड्ढे पर चूरा पाउडर बिछाया जाता है। इसके बाद वाइब्रेटर चलाया जाता है। इस तकनीक की विशेषता यह भी है कि इस तकनीक से भरे गए गड्ढे पर 15 से 20 मिनट बाद ही आवागमन शुरू हो जाता है।