जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। इटारसी-जबलपुर रेल खंड से लगे पिपरिया-बनखेड़ी के पास मालगाड़ी का एक वैगन पटरी से उतर गया। घटना की वजह वैगन के पहिए में आई खराबी बताई गई। घटना लगभग दोपहर एक बजे हुई, लेकिन वैगन पटरी से उतरने की वजह से मुख्य लाइन की पटरी खराब हो गई। वैगन को हटाने से लेकर रेल यातायात बहाल करने तक में रेलवे को 12 घंटे का समय लग गया। इधर दुर्घटना की वजह से प्रभावित हुए ट्रैक के बाद जबलपुर मंडल ने एक के बाद एक कर लगभग एक दर्ज ट्रेनों के रूट बदले और कई ट्रेनों का रद कर दिया। ट्रेन रद करने के बाद उन्होंने सभी यात्री को मोबाइल पर एसएमएस कर ट्रेन रद होने की जानकारी भी दे दी, लेकिन कुछ देर बाद रेलवे ने ट्रेन को चलाने का निर्णय ले लिया और दोबारा ट्रेन चलाने की जानकारी यात्री को मोबाइल पर भेजी गई। रेलवे की ओर से दो बार मिली जानकारी की वजह से यात्री भ्रम में रहे। इस वजह से अधिकतर यात्री स्टेशन ही नहीं पहुंचे।
जनशताब्दी की रद, फिर बहाल कर दी
जबलपुर रेल मंडल ने पहले भोपाल से जबलपुर आने वाली जनशताब्दी को रद करने का निर्णय लिया। इसकी जानकारी यात्री को एसएमएस के माध्यम से दे दी गई, लेकिन कुछ देर बाद इसे चलाने का निर्णय लिया गया। यही हाल अमरकंटक का रहा। इसे भी रद करने के बाद बहाल किया गया। वहीं भोपाल जाने वाली नर्मदा को जबलपुर के बजाय कटनी-दमोह से ले जाने का निर्णय लिया गया, लेकिन कुछ देर बाद इसे जबलपुर रेलरूट से ही ले जाया गया। रेल अधिकारियों के इस संशय की वजह से यात्री परेशान रहे। उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था कि रेलवे की ओर जो जानकारी भेजी जा रही है, उसमें रद होने वाली सही है या फिर ट्रेन बहाल करने वाली।
मालगाड़ी थी ओवरलोड, पहिया हुआ गर्म
मालगाड़ी की दुर्घटना के बाद ट्रेनों को समय पर चलाने में रेलवे का 12 घंटे से ज्यादा का समय लग गया। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान मौके पर डीआरएम संजय विश्वास भी पहुंंच गए थे, लेकिन कोच को हटाकर ट्रैक दुरूस्त करने में ही कई घंटे का समय लग गया। वहीं घटना के बाद डीआरएम ने इसकी जांच करने कमेटी बना दी है। सूत्रों के मुताबिक घटना की मुख्य वजह मालगाड़ी में कोयला की मात्रा तय मापदंड से अधिक रखी गई, जिससे वैगन का पहिया गर्म हुआ और उसमें खराबी आते ही वह पटरी से उतर गया। इस वजह से वैगन का पहिया खराब हुआ।