नईदुनिया, जबलपुर (Snake in Train)। गरीब रथ एक्सप्रेस के बाद अब जनशताब्दी एक्सप्रेस के वातानुकूलित डिब्बे में सांप देखा गया। तुरंत रेलवे स्टाफ और कोच अटेंडेंट कोई सूचित किया गया। इस दौरान सांप यात्रियों के समान के पीछे कहीं छिप गया। इस दौरान डिब्बे में सवार यात्री दहशत में रहे।
जबलपुर पहुंचने पर रेल कर्मचारियों ने डिब्बे की जांच जांच की। यात्री और उनके सामान को सुरक्षित बाहर निकाला गया। पूर्व में 22 सितंबर को जबलपुर मुंबई गरीब रथ एक्सप्रेस के इसी कोच में ऊपरी बर्थ में सांप मिला था। मुंबई पहुंचने पर उसे डिब्बे को ट्रेन से काटकर अलग किया था।
25 सितंबर को भी गरीब रथ के बाद अब दयोदय एक्सप्रेस (12182) के एसी कोच में सांप देखकर यात्री दहशत में आ गए थे। घटना मंगलवार रात 10 बजे की थी, जब ट्रेन अजमेर से जबलपुर आ रही थी। एसी कोच में सफर कर रहे यात्री की नजर सीट के नीचे पड़ी तो उसे शंका हुई। उसने मोबाइल टार्च से देखा तो सांप था।
इसकी जानकारी टीटीई को दी गई, इसके बाद ट्रेन को कोटा स्टेशन पर रोककर सर्प विशेषज्ञ बुलाया गया था। दो घंटे की मशक्कत के बाद भी सांप को नहीं तलाशा जा सका था। इसके बाद यात्रियों को दूसरे कोच में शिफ्ट किया गया था। इस कोच को लॉक करके ट्रेन कोटा से जबलपुर रवाना की गई थी।
इसके पहले 21 सितंबर को जबलपुर से मुंबई गरीब रथ एक्सप्रेस में भी सांप निकलने की घटना हो चुकी है। एक सप्ताह के भीतर जबलपुर की दो ट्रेनों में सांप निकलने की घटना से एसी कोच में सफर करने वाले यात्रियों में दहशत का माहौल बन गया थे।
सफर के दौरान यात्री बेडरोल-कंबल लेने से परहेज कर रहे हैं। जबलपुर रेल मंडल के डीआरएम विवेक शील का कहना है कि कोच में सांप नहीं निकला, बल्कि कहीं से घुस आया था। मामले की जांच की जा रही।
सूत्रों के अनुसार एसी कोच को सफाई के लिए जबलपुर में यार्ड के जिस हिस्से में खड़ा किया जाता है वहां आसपास गंदा पानी और खरपतवार लगी है। सफाई करने वाले कर्मचारी कंबल की गठरी बनाकर ट्रेन के बाहर रख देते हैं।
कोच की सफाई के बाद गठरी को वापस कोच के अंदर ले जाते हैं। इसी दौरान सांप कंबल में घुसकर कोच तक पहुंच रहे हैं, क्योंकि मैकेनिकल विभाग कंबल को एक दिन में नहीं बल्कि एक माह में एक बार साफ कराता है।