जबलपुर। जटिल मोतियाबिंद(Complex cataract) से पीड़ित नरसिंहपुर निवासी एक मरीज की आंख का सफल उपचार जनज्योति सुपर स्पेशलिटी आई हॉस्पिटल, गोल बाजार में किया गया। दरअसल, राघवेंद्र नामक इस मरीज की दाईं आंख की पुतली में बचपन से सूजन की समस्या थी। बार-बार आई सूजन के कारण आंख का लेंस जटिल मोतियाबिंद में बदल चुका था।
परिजनों ने राघवेंद्र का इलाज कई महानगरों में कराया, लेकिन समस्या बनी रही। जटिल मोतियाबिंद के कारण एक आंख पूरी तरह खराब होने की कगार पर थी, जबकि दूसरी आंख की रोशनी पहले से ही कमजोर थी। ऐसे में राघवेंद्र किसी भी तरह का काम करने में असमर्थ हो गया था और उसकी आजीविका चलाना भी मुश्किल हो रहा था।
नागपुर समेत अन्य बड़े शहरों में भटकने के बाद वह जनज्योति सुपर स्पेशलिटी आई हॉस्पिटल, गोल बाजार पहुंचा। यहां उसकी आंखों की अत्याधुनिक तकनीक से जांच की गई। जांच में सामने आया कि उसकी आंख के लेंस पर झिल्ली बन चुकी है और कांचियाबिंद का असर भी हो चुका है। गहन जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि जटिल मोतियाबिंद से ग्रस्त आंख में रोशनी लौटने की संभावना बेहद कम है।
फिर भी नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. पवन स्थापक ने ऑपरेशन करने का निर्णय लिया।अत्याधुनिक माइक्रोस्कोपिक(Microscopic surgery) शल्य क्रिया द्वारा ऑपरेशन किया गया, जिसके बेहतर परिणाम सामने आए। ऑपरेशन के बाद राघवेंद्र की आंख की रोशनी लौट आई और अब वह स्पष्ट देख पा रहा है।
नेत्र विज्ञान की आधुनिक तकनीकों के चलते आज ऐसे जटिल मामलों का सफल इलाज संभव हो पाया है, जबकि पहले इस तरह के मरीजों को यह कहकर छोड़ दिया जाता था कि इलाज संभव नहीं है। इस शल्य क्रिया में डॉ. स्थापक के साथ डॉ. आयुष टंडन, डॉ. अर्पिता स्थापक, डॉ. अपूर्वा स्थापक और अपर्णा स्थापक ने भी सहयोग किया।