नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। ऑनलाइन प्रवेश देने वाले उच्च शिक्षा विभाग के संभागीय कार्यालय में भर्राशाही का आलम ये है कि एक माह पहले भेजे गए मेल पर भी संज्ञान नहीं लिया जाता है। मजबूरी में शिकायतकर्ताओं को मेल की खुद 70 किलोमीटर दूर कॉलेज छोड़कर जबलपुर मुख्यालय आना पड़ा।
मामला मंडला जिले के निवास सरकारी कॉलेज का है। जहां की महिला अतिथि शिक्षकों ने उच्च शिक्षा के अतिरिक्त संचालक के पास पहुंचकर प्राचार्य की मनमानी के खिलाफ शिकायत दी। उन्होंने आरोप लगाया कि कॉलेज की प्राचार्या उनके साथ ठीक व्यवहार नहीं करती हैं। वे कपड़ों को लेकर गंदी भाषा का उपयोग करती हैं और छात्र-छात्राओं के सामने ही शिक्षकों पर चीखती -चिल्लाती हैं।
पीड़ित शिक्षिकाओं का आरोप है कि उन्होंने सात जुलाई की घटना के बारे में 11 जुलाई 2025 को शिकायत बनाकर क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक कार्यालय में मेल किया था। लंबे समय तक जब जवाब नहीं मिला तो खुद शिकायत करने पहुंचे। इस संबंध में उन्होंने क्षेत्रीय कार्यालय में जब संपर्क किया तो उन्होंने पहले शिकायत आने से इनकार किया बाद में जब उन्होंने अपने मेल से भेजे गए पता का स्क्रीन शॉट दिखाया तो विभाग ने माना कि शिकायत पहुंची थी लेकिन उसे खोलकर नहीं देखा गया था। इस बात से समझ में आ रहा है कि विभाग में ऐसी कई शिकायत दूर दराज के कॉलेजों से पहुंच रही है जिसका अवलोकन ही नहीं होता है।
निवास मंडला की अतिथि विद्वान शिक्षिका पुष्पा चतुर्वेदी, डॉ. पुर्णिमा ब्योहार, डॉ. अरुनिमा शर्मा, डॉ. सरोज साहू आदि ने अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा कार्यालय में लिखित शिकायत देते हुए बताया कि शासकीय महाविद्यालय निवास में प्रभारी प्राचार्या डॉ. सदन मरावी द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए लगातार महाविद्यालय में पदस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।
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विगत माह प्राचार्य द्वारा अथिति विद्वानों को स्टाफ रूम में बंद कर ताला लगा दिया गया था जिसकी सूचना एडी कार्यालय जबलपुर तथा आयुक्त उच्च शिक्षा विभाग मध्य प्रदेश भोपाल को ईमेल मेल के माध्यम से दी गई थी लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। कक्षों की कमी के कारण विद्यार्थी ठीक से बैठ नहीं पाते हैं। वर्ष 2018 से अभी तक लैब टेक्नीशियन की नियुक्ति नहीं हुई। प्राचार्य द्वारा अभद्र भाषा का लगातार प्रयोग करना, स्टाफ के प्रति पक्षपात पूर्ण रवैया रखना, विद्यार्थियों एवं स्टाफ को कपड़ों एवं शारीरिक बनावट पर सार्वजनिक रूप से टिप्पणी करने से सभी परेशान हैं।