नईदुनिया प्रतिनधि, कटनी। कटनी जिले के कैमोर के एसीसी मैदान में पिछले 85 साल से रावण के विशाल पुतले का दहन किया जा रहा है। इस साल 101 फीट ऊंचा रावण का पुतला तैयार किया गया है। कैमोर में गुरुवार को रावण दहन का कार्यक्रम होना है। मंगलवार की रात को कैमोर सहित आसपास के क्षेत्रों में देर रात अचानक से मौसम बदला और गरज-चमक के साथ एक घंटे से अधिक समय तक बारिश हुई। जिसके चलते मैदान में खड़ा रावण का पुतला भीग गया और आयोजक उसे बचाने की जुगत में लगे रहे। बुधवार को मौसम के साफ होने के बाद पुतले को सुखाने का कार्य किया गया और गुरुवार को यहां पर विभिन्न कार्यक्रमों के बीच रावण दहन होगा।
तहसील ग्राउंड पर उप्र के जालौन से आए कारीगरों द्वारा 55 फीट के रावण के पुतले को बनाया गया था। इस बार रावण दहन के पूर्व लोगों को पूर्व के वर्षों की अपेक्षा रंगारंग आतिशबाजी का नजारा देखने को मिलेगा। आतिशबाजी में महाभारत का युद्ध लंका दहन सहित कई दृश्य आकाश में नजर आएंगे। उप्र के जालोन जिले से आए कलाकार पिछले कई दिनों से मैदान में तैयारी में जुटे थे। उन्होंने बताया कि इस बार पहली बार इस बार 55 फीट के रावण के पुतले बनाया जा रहा है जो बीते साल से पांच फीट ज्यादा है। इस बार आतिशबाजी में कई नए सीन भी देखने मिलेंगे जिसमें आसमान में धमाके के साथ रंगीन गुलाल उड़ाया जाएगा। कमल के फूल, गुलाब, मोरपंख सहित अन्य तरह की आतिशबाजी भी देखने मिली। शेख परिवार पिछले 45 साल से यहां रावण का पुतला तैयार कर रहा है।
बालाघाट के वारासिवनी के रानी अवंतीबाई स्टेडियम में गुरुवार की रात में लगभग 60 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन भगवान श्रीराम के स्वरूप द्वारा किया जाएगा। नगर में पानीपत सोनीपत की तर्ज पर दशहरा चल समारोह निकाला जाएगा। भगवान हनुमान के रूप में मुकुटधारी शिवम बुधरानी अपनी वानर सेना के साथ नगर भ्रमण कर दशहरा मैदान पहुंचेंगे। प्रभु श्रीराम के अग्निबाण से अहंकारी रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। इस दौरान होने वाली आतिशबाजी विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगी। दशहरा चल समारोह नगर के बड़ा श्रीराम मंदिर से प्रारंभ होगा, जो गोलीबारी चौक, आंबेडकर चौक, नेहरू चौक, जय स्तंभ चौक, बस स्टैंड होते हुए दशहरा मैदान पहुंचेगा।
जबलपुर के शिवाजी मैदान में 51 फीट का रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले बनाए जा रहे हैं। हालांकि बुधवार रात हुई वर्षा में ये भीग गए। श्री धनुष रामलीला समिति सदर द्वारा विजयदशमी पर्व के मौके पर गुरुवार को देर शाम पुतला दहन का आयोजन होना है। समिति के अध्यक्ष अभिषेक चौकसे के अनुसार विगत 141 साल से इस मैदान पर रावण के पुतले का दहन करती आ रही है। बुधवार शाम को ही यह पुतले खड़े किए गए थे। इससे पहले इन्हें तिरपाल से ढंक कर रखा गया था। हालांकि इसके बाद भी वर्षा से भीग गए।