नईदुनिया प्रतिनिधि, कटनी। विजयराघवगढ़ से भाजपा विधायक संजय पाठक की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। कांग्रेस जिलाध्यक्ष दिव्यांशु अंशु मिश्रा ने कटनी सहित पांच जिलों में आदिवासियों के नाम पर करोड़ों रुपये की जमीनें खरीदने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को शिकायत दी थी। आयोग ने कटनी सहित अन्य जिलों के कलेक्टरों को नोटिस जारी कर एक माह के अंदर मामले की रिपोर्ट देने को कहा था। कटनी में कलेक्टर को नोटिस मिलने के बाद अब प्रशासन प्रकरण की जांच में जुट गया है।
डिप्टी कलेक्टर ने कलेक्टर के हवाले से एसपी को पत्र लिखकर 15 दिनों में जांच प्रतिवेदन मांगा है। दूसरी ओर जिले के एसडीएम व तहसीलदारों को पत्र लिखकर कथित गरीब आदिवासियों की जानकारी भी जुटाने की तैयारी शुरू हो गई है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि चारों आदिवासियों से जमीन खरीदने के संबंध में पूछताछ की जाएगी। उनसे यह भी पूछा जाएगा कि आखिर जमीन खरीदने के लिए उनके पास करोड़ों रुपये कहां से आए।
शिकायतकर्ता का आरोप है कि विधायक पाठक ने कटनी, डिंडौरी, जबलपुर, सिवनी और उमरिया में 1111 एकड़ आदिवासियों की भूमि धोखाधड़ी से अपने आदिवासी कर्मचारियों के नाम खरीदी है। आदिवासियों में से तीन नत्थू कोल, प्रहलाद कोल व राकेश सिंह गौड़ गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों की सूची में हैं। जल्द ही प्रशासन आदिवासियों के बयान दर्ज करेगा। यह पता लगाया जाएगा कि इन आदिवासियों के पास जमीन खरीदी के लिए करोड़ों रुपये कहां से आए। जांच में यह भी देखा जाएगा कि जमीन खरीदते समय इन लोगों ने विक्रेताओं को भुगतान किस तरह किया या फिर उनके लिए किन लोगों ने भुगतान किया है। यह भी जांच की जाएगी कि उनके पास करोड़ों रुपये की संपत्ति कहां से आ गई।
कटनी डिप्टी कलेक्टर प्रदीप मिश्रा ने कहा कि आदिवासियों के नाम पर जमीन खरीदी के मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के नोटिस के बाद पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा है। प्रकरण संबंधी जांच प्रतिवेदन मांगा गया है। जल्द ही आदिवासियों की जानकारी जुटाकर बयान दर्ज किए जाएंगे और जांच रिपोर्ट आयोग को भेजी जाएगी।