
नईदुनिया प्रतिनिधि, बुरहानपुर। खंडवा संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी ज्ञानेश्वर पाटिल ने कांग्रेस के नरेंद्र पटेल को भले ही बड़े अंतर से हरा कर चुनाव जीत लिया है, लेकिन उन्हें अपने ही गृह जिले में हार का सामना करना पड़ा है। संसदीय सीट में शामिल बुरहानपुर जिले की दो विधानसभा सीटों नेपानगर और बुरहानपुर में से भाजपा को बुरहानपुर सीट में हार का सामना करना पड़ा है।
गौरतलब है कि सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल का पैतृक घर और निवास बुरहानपुर के बोहरडा गांव में है, जो इसी सीट का हिस्सा है। बुरहानपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा को 112527 वोट मिले हैं, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को 119736 वोट मिले हैं। यहां कांग्रेस 7209 मतों से आगे रही है। पार्टी सूत्रों और जानकारों का मानना है कि अपने ही घर में मिली हार के पीछे भाजपा नेताओं का भितरघात और कांग्रेस का एकजुट होना था।
इस बार चुनाव से ठीक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने विधानसभा चुनाव के समय पार्टी से निष्कासित किए गए पूर्व जिलाध्यक्ष अजय रघुवंशी सहित आधा दर्जन नेताओं को मना कर वापस पार्टी में शामिल कराया था।
इसके साथ ठा. सुरेंद्र सिंह गुट, रघुवंशी गुट, रिंकू टाक गुट सहित अन्य गुटों में बंटे नेताओं को पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह के आवास में एक छत के नीचे एकत्र किया था, जिसके चलते कांग्रेस ने पूरी ताकत से काम किया। दूसरी ओर भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान निष्कासित स्व. नंंदू भैया के पुत्र हर्षवर्धन सिंह सहित अन्य नेताओं को वापस पार्टी में नहीं लिया। जिसके चलते वे भी चुनाव के दौरान मौन बैठे रहे। जिसका खामियाजा इस रूप में पार्टी को भुगतना पड़ा।
हालांकि भाजपा जिले की दूसरी विधानसभा सीट नेपानगर में बड़े अंतर से जीती है। यहां भाजपा प्रत्याशी को 114308 मत और कांग्रेस प्रत्याशी को 74815 मत मिले हैं। भाजपा 39493 वोटों के अंतर से आगे रही है। बता दें कि नेपानगर सीट आदिवासी बहुल है। सरकार ने आदिवासियों को साधने के लिए जो योजनाएं बनाई थी, उसका लाभ लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिला है।
प्रत्याशी - मिले मत
नरेंद्र पटेल कांग्रेस- 74815
ज्ञानेश्वर पाटिल भाजपा- 114308
नोटा को मिले मत- 1933
कुल विधिमान्य मत- 198191
प्रत्याशी - मिले मत
नरेंद्र पटेल कांग्रेस- 119736
ज्ञानेश्वर पाटिल भाजपा- 112527
नोटा को मिले मत- 1980
कुल विधिमान्य मत- 238951