खंडवा। ब्यूरो
पुनासा उद्वहन सिंचाई योजना के नक्शे में शामिल कई किसानों को इस वर्ष भी रबी के सीजन में सिंचाई की सुविधा नहीं मिल सकेगी। पांच वर्ष पहले शुरू हुई योजना अंतिम चौथे चरण में पहुंच चुकी है लेकिन प्रथम और द्वितीय चरण में शामिल सैकड़ों किसानों के खेत तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। तीन वर्षों से किसान सिंचाई के लिए कुंडी का इंतजार कर रहे हैं। प्रदेश में 13 अक्टूबर को सिंचाई क्षेत्र में वृद्घि के लिए प्रस्तावित बैठक में यह मामला हंगामे की वजह बन सकता है।
पुनासा उद्वहन सिंचाई योजना के क्रियान्वयन में हुई अनियमितता और गड़बड़ियों की वजह से 50 से अधिक गांवों के कई खेत सिंचाई की सुविधा से वंचित हैं। शासन की इस महती योजना से पीड़ित किसान इसकी शिकायत प्रशासन से लेकर शासन तक कर चुके हैं। इसके बाद भी हालात जस के तस हैं। दो वर्ष पूर्व क्षेत्रीय विधायक और मुख्यमंत्री द्वारा योजना से वंचित किसानों को पूरक योजना बनाकर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करवाने का वादा भी खोखला साबित हो रहा है। योजना को आकार देने वाली कंपनी आईवीआरसीएल आधा-अधूरा काम कर योजना से हाथ खींच चुकी है।
बताया जाता है कि कंपनी ने सिंचाई से वंचित किसानों का रकबा रिकॉर्ड में सिंचित दर्शा कर शासन को गुमराह करने का प्रयास किया है। इस मामले में एनवीडीए के अधिकारियों के अलावा जनप्रतिनिधि भी उदासीन बने हुए हैं। पुनासा से मूंदी तक मुख्य मार्ग के गांव बांगरदा, जामकोटा, पिपलकोटा में ही कई किसान सिंचाई की सुविधा नहीं होने से रबी की फसल नहीं ले पा रहे हैं।
इंदिरासागर बांध के जलाशय से चांदेल, केनूद और दुधवास तालाब में पानी लिफ्ट कर पाइप लाइन के जरिए विकासखंड के 110 गांवों के खेतों तक पहुंचाने के लिए पुनासा उद्वहन सिंचाई योजना बनाई गई है। क्षेत्र की 35 हजार 800 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए जगह-जगह कुंडियां बनाई गई हैं। एक कुंडी से 40 हेक्टेयर रकबा सिंचित करने का लक्ष्य रखा गया है। योजना को आकार देने में बरती गई लापरवाही और जल्दबाजी की वजह से कई पात्र किसान सिंचाई के लाभ से छूट गए हैं। वहीं कुंडी की कमी के कारण किसानों को दो से तीन किलोमीटर तक पाइप जोड़ कर खेत तक पानी ले जाना पड़ रहा है। इससे किसानों को अनावश्यक खर्च और परेशानी के बावजूद पर्याप्त प्रेशर से पानी नहीं मिल पाता है। इतना ही नहीं बड़ी मात्रा में पानी का अपव्यय भी होता है।
उद्वहन सिंचाई योजना में छूटे खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए क्षेत्र की जल समितियां और किसान कई बार आंदोलन और शिकायत जनप्रतिनिधियों व एनवीडीए से कर चुके हैं। विडंबना यह है कि इस मामले में प्रशासन भी गंभीर नहीं है। किसानों की समस्या दूर करने के लिए जल समितियों से इस मामले में एक बार भी चर्चा नहीं की गई है। बीआर-2 जल समिति सदस्य पवन कोठारी ने बताया कि समिति अध्यक्ष शैतानसिंह चौहान के नेतृत्व में सिंचाई का लाभ प्रत्येक किसान को मिले इसके प्रयास किए जाएंगे। प्रस्तावित सिंचाई बैठक में अन्य समितियों के साथ मामला पुरजोर ढंग से रखा जाएगा।
प्रत्येक खेत होगा सिचिंत
इंदिरासागर बांध से पानी लिफ्ट कर क्षेत्र के 110 गांवों के खेतों की सिंचाई के लिए पुनासा उद्वहन योजना तैयार की गई है। सिंचाई से वंचित गांवों के लिए पूरक योजना तैयार की गई है। शासन से स्वीकृति मिलते ही इसे क्रियान्वित किया जाएगा। भाजपा सरकार का लक्ष्य प्रत्येक खेत तक पानी पहुंचाने का है। - लोकेंद्र सिंह तोमर, विधायक मांधाता