
नईदुनिया प्रतिनिधि, खंडवा। जिले में रबी सीजन के दौरान सबसे अधिक एक लाख 80 हजार 500 हेक्टेयर के रकबे में बोई जाने वाली गेहूं की फसल के पौधों में अब इल्ली (हेड आर्मी वर्म) का प्रकोप शुरू हो गया है। इल्ली के प्रकोप से किसानों के खेतों में गेहूं के पौधे घेरे में पीले होकर दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। किसानों की माने तो अभी इल्ली ने जिले के दस प्रतिशत गेहूं के पौधों को अपनी चपेट में ले लिया है और अगर इसकी रोकथाम नहीं हो सकी तो फसल को बुरी तरह प्रभावित करेगी। इल्ली रात में पौधों की जड़ों और तने को काट नष्ट कर रही है और दिन में नजर नहीं आती है। इल्ली के प्रकोप ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खड़ी कर दी हैं। किसान बचाव को लेकर फसलों में आवश्यक दवाइयों का ड्रिंचिंग करने का कार्य कर रहे हैं।
किसानों ने कहा कि इल्ली धीरे-धीरे जिले में पैर पसार रही हैं, साथ ही खेतों में पौधों के घेरे अपनी चपेट में लेकर नष्ट कर रही है। दूसरी ओर पिछले 15 दिनों से जड़माहु का प्रकोप भी चल रहा है। विशेषज्ञ की माने तो गेहूं फसल में इल्ली और बीमारियों के प्रकोप का कारण बार-बार मौसम में बदलाव है। बादल छाने से फसलों में इल्ली और बीमारियों का प्रकोप आने की संभावना बढ़ती है। खरीफ में घाटा अब रबी में भी चिंता इस बार पहले ही खरीफ सीजन के दौरान बिगड़े मौसम ने किसानों की फसलों को प्रभावित किया। खासकर सोयाबीन फसल पर अधिक खराबी देखी गई। अब रबी दौरान भी इस प्रकार इल्ली और बीमारियों के प्रकोप देख किसानों को चिंता सताने लगी है।
संयुक्त कृषक संगठन के जिलाध्यक्ष नरेंद्र पटेल ने बताया कि किसान की कमर पहले से टूटी हुई है और अब इस तरह बीमारियां और प्रभावित करेगी। वर्तमान में इल्ली ने फसल के जिन पौधों को नुकसान पहुंचा दिया है उन्हें जीवित नहीं किया जा सकता है। लेकिन इसे फैलने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मौसम की मार से पहले खरीफ में सबसे अधिक रकबे में बोई जाने वाली सोयाबीन फसल प्रभावित हुई और रबी दौरान सबसे अधिक रकबे में बोई जाने वाली गेहूं फसल पर भी मौसम की मार का असर देखा जा रहा है।
पांच दिनों से नजर आ रहा प्रकोप पांच एकड़ के रकबे में बोई गेहूं की फसल लगभग डेढ़ माह की हो चुकी है। पिछले पांच दिनों से अचानक पौधे पीले होकर नष्ट हो रहे हैं। उखाड़कर देखा तो पता चला कि इल्ली द्वारा पौधों की जड़ों को काट दिया गया है। जो पौधे नष्ट हो गए, उनका कुछ नहीं किया जा सकता है। लेकिन फैलाव को रोकने के लिए दवाइयों का प्रयोग कर रहे हैं। - संजय मुकाती, किसान जामनी गुर्जर
सप्ताहभर पहले खेत में इक्का-दुक्का पौधे इल्ली के प्रकोप से पीले होकर नष्ट हो रहे थे। लेकिन जब दो एकड़ के रकबे में प्रभावित पौधों की संख्या बढ़ने लगी तो चिंता हुई। एक माह की फसल हुई और नाजुक पौधों पर ही इल्ली का प्रकोप आ गया है। यही हालात रहे तो धीरे-धीरे पूरे रकबे में इल्ली के प्रकोप से पौधे नष्ट हो जाएंगे। - सेवकराम राजाराम, किसान रांजनी
जिले के मौसम में बार-बार आ रहे बदलाव और बादल छाने से फसलों पर इल्ली और बीमारियों के प्रकोप देखे जा रहे हैं। पिछले 15 दिनों से गेहूं में जड़माहु का प्रकोप चल रहा है और अब हेड आर्मी वर्म की शिकायत भी सुनने में आ रही है। किसान इसकी रोकथाम के लिए क्लोरोपाइरीफास दवाई का 50 सीसी एक लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ के हिसाब से फसल में चला सकता है। - डॉ. सौरव गुप्ता, विशेषज्ञ जिला कृषि एवं मौसम इकाई