
नईदुनिया प्रतिनिधि, खरगोन। लोगों की सुरक्षा के लिए जर्जर मोरटक्का पुल पर भारी वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके चलते भारी वाहन खरगोन शहर से निकलेंगे, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाएगा, क्योंकि एक दिन में सैकड़ों भारी वाहन गुजरेंगे। इन भारी वाहनों से पहले भी कई लोगों की जान जा चुकी है। कलेक्टर भव्या मित्तल ने सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत एवं मोरटक्का पुल की संरचनात्मक क्षमता को ध्यान में रखते हुए 5 जनवरी तक इंदौर-इच्छापुर मार्ग पर भारी मालयानों पर प्रतिबंध लगाया है।
दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह और नववर्ष के आरंभ में ओंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग दर्शन के साथ पावन नर्मदा नदी में स्नान के लिए दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं के प्रतिदिन आगमन की संभावना है। जनसामान्य की सुरक्षा व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए मोरटक्का पुल मार्ग को भारी वाहनों को उक्त अवधि में प्रतिबंधित किया गया है तथा भारी वाहनों के आवागमन में कोई व्यवधान न हो इसके लिए अन्य वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था भी की गई है। इसमें 5 जनवरी 2026 तक प्रातः 6 से रात 10 बजे तक इंदौर-इच्छापुर हाईवे पर भारी वाहनों का आवागमन पूर्ण रूप से बंद रहेगा। खंडवा की ओर से आने वाले भारी वाहन बड़वाह तहसील में प्रवेश कर देशगांव होते हुए खरगोन-धामनोद से एबी रोड तक पहुंचेंगे, जबकि इंदौर से आने वाले वाहन खरगोन जिले से होते हुए देशगांव से गंतव्य तक जाएंगे।
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खंडवा के मूंदी व बैड़िया के पास सेल्दा प्लांट पर राखड़ का परिवहन किया जाता है, जिससे सड़क सहित अन्य सामग्री का निर्माण किया जाता है। इसके चलते कैप्सूल वाहनों से इसका परिवहन किया जाता है। इन कैप्सूल सहित अन्य भारी वाहनों को समय का विशेष ध्यान रखना होता है। इसके चलते यह तेज गति से संचालित किए जाते हैं।
इन वाहनों से एक साल में पांच से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 10 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। इसके अलावा यह भारी वाहन सड़कों के लिए खतरनाक हैं, क्योंकि सड़क पर नियत भार से ज्यादा भार से परिवहन किया जाता है। इसके चलते सड़क खराब होती है। लोगों का कहना है कि यातायात पुलिस व परिवहन विभाग को व्यवस्था करना चाहिए।