नईदुनिया प्रतिनिधि, खरगोन। भाजपा की गोगावां जनपद अध्यक्ष गंगाबाई मंडलोई की बहू मनीषा को मंगलवार सुबह पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मनीषा ने फर्जी अंकसूची के आधार पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नौकरी हासिल की थी। लंबे समय से फरार चल रही मनीषा को हाईकोर्ट के आदेश पर गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने सुबह 6 बजे पैनपुर में दबिश देकर उसे हिरासत में लिया।
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने दोपहर में मनीषा को खरगोन में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी राज पांडे की अदालत में पेश किया। अदालत ने मनीषा को एक दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। इस मामले की शुरुआत वर्ष 2019 में हुई थी, जब आंगनबाड़ी क्रमांक-1 में नियुक्ति के लिए 20 महिलाओं ने आवेदन किया था। इनमें मनीषा का चयन 63 प्रतिशत अंकों के साथ पहले स्थान पर हुआ था।
चयन सूची में दूसरे स्थान पर रोशनी सुखलाल, तीसरे पर जागृति सज्जनसिंह और चौथे पर बस्कर करोंदे का नाम था। रोशनी और बस्कर ने मनीषा की नियुक्ति पर आपत्ति दर्ज कर शिकायत की थी। जांच में खुलासा हुआ कि मनीषा ने अपनी 12वीं की अंकसूची (पुनासा विद्यालय, खंडवा) में हेरफेर कर 337 अंकों की जगह 437 अंक दर्शाए थे। यानी मार्कशीट में 100 अंक बढ़ाए गए थे।
महिला एवं बाल विकास विभाग ने 16 अगस्त 2023 को थाना प्रभारी गोगावां को केस दर्ज करने का आवेदन दिया था, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस ने तत्काल कार्रवाई नहीं की। इसके बाद एडवोकेट लखन सिंह पवार ने हाईकोर्ट इंदौर में याचिका दायर की। हाईकोर्ट के निर्देश पर 4 नवंबर 2024 को धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज किया गया। इसके बावजूद पुलिस ने गिरफ्तारी नहीं की।
गिरफ्तारी न होने पर याचिकाकर्ता ने पुनः हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जिसके बाद 19 सितंबर 2025 को हाईकोर्ट ने थाना प्रभारी को पारदर्शी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसी आदेश के बाद मंगलवार को पुलिस ने मनीषा को गिरफ्तार किया। हालांकि, पुलिस की भूमिका शुरू से ही संदिग्ध बनी हुई है। अब देखना यह होगा कि जांच में किन-किन लोगों की भूमिका उजागर होती है - फर्जी अंकसूची बनवाने से लेकर अंक गणना में बदलाव तक। न्यायालय में पेशी के दौरान पुलिस ने मनीषा को पिछले गेट से गाड़ी में बैठाकर गोगावां थाने ले गई। टीआई एम.आर. रोमड़े ने बताया कि मनीषा को एक दिन की रिमांड मिली है।