
नईदुनिया प्रतिनिधि,खरगोन। कसरावद तहसील के औद्योगिक क्षेत्र निमरानी में स्थित महाकाल ट्रेडर्स नामक कंपनी में बड़ी मात्रा में मिलावटी यूरिया पकड़ा गया। कंपनी में यूरिया को पीसकर पाउडर बनाने का काम किया जा रहा था। मामला तब सामने आया जब एक मेटाडोर में भरा हुआ यूरिया कंपनी परिसर में लाया गया।
सूचना मिलते ही कृषि विस्तार अधिकारी मौके पर पहुंचे। एक ओर किसान यूरिया की किल्लत से परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर इस कंपनी में बड़ी मात्रा में यूरिया लगातार मंगवाया जा रहा था। संदेह है कि यूरिया को यहां पीसकर आगे खपत करने का काम किया जा रहा था।
कोई भी दस्तावेज नहीं
उर्वरक निरीक्षक ब्रजेश सेंगर ने मीडिया को बताया कि मेटाडोर में खाद की करीब 300 से अधिक बोरियां थीं, जबकि कंपनी के अंदर पहले से ही लगभग 400 बोरी स्टॉक मौजूद था। खास बात यह रही कि बोरियों पर किसी तरह का नाम या कंपनी का अंकन नहीं था और न ही कोई जिम्मेदार कर्मचारी कंपनी में मौजूद था। दस्तावेज मांगने पर भी कोई कागज उपलब्ध नहीं कराया गया।
निरीक्षक के अनुसार, यह साफ संकेत है कि यहां लंबे समय से फर्जी काम चल रहा था। मेटाडोर को पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया है, कंपनी को सील किया जाएगा और एफआईआर दर्ज की जाएगी।
चार महीने से फर्जीवाड़ा
औद्योगिक क्षेत्र की एक अन्य कंपनी, जहां टोमैटो केचअप बनता है, वहां भी मेन गेट पर बोर्ड नहीं मिला। कंपनी परिसर में टेक्निकल यूरिया को गलाने का काम चल रहा था, लेकिन वहां भी कोई जिम्मेदार कर्मचारी मौजूद नहीं था। सूत्रों के अनुसार, महाकाल ट्रेडर्स में यह फर्जीवाड़ा पिछले चार महीनों से चल रहा है और कंपनी का मालिक गुजरात का बताया जा रहा है।
स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब जिले के किसान यूरिया के लिए परेशान हैं, तब इस तरह की कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्रवाई क्यों नहीं हो रही, जबकि संबंधित विभाग समय-समय पर निरीक्षण भी करता है।
इसे भी पढ़ें- सागर में गुंडों का कहर, युवक को घसीट-घसीट कर पीटा, इलाज के दौरान मौत, वीडियो वायरल