मंदसौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। रेलगाड़ियों में घर से भागने वाले या तस्करी कर ले जाए जा रहे बच्चों को यात्री पहचानकर उनकी सूचना चाइल्ड लाइन नंबर 1098 दे सकें, इसके लिए रेलवे स्टेशन शिवपुरी पर एनाउंसमेंट की शुरुआत बाल दिवस 14 नवंबर से की गई है। शिवपुरी की इसी तर्ज पर अब मंदसौर जिले के स्टेशनों पर भी बच्चों की सुरक्षा के लिये चाइल्ड लाइन नंबर के एनाउंसमेंट की मांग के लिये मुहिम शुरू हुई है। इसके लिये सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा सांसद सुधीर गुप्ता को पत्र लिखा गया है, वहीं बाल कल्याण समिति के सदस्य द्वारा भी इस मुहिम को बच्चों की सुरक्षा के लिये बेहतर मानते हुए जिले के सभी स्टेशनों पर एनाउंसमेंट की मांग की है। इसके लिये डीआरएम और कलेक्टर से भी समिति द्वारा बात की जाएगी।

इस प्रयोग को बाल तस्करी रोकथाम की दृष्टि से महत्वपूर्ण मान रहे है। शिवपुरी की तर्ज पर मंदसौर रेलवे स्टेशन पर भी यह एनाउंसमेंट की शुरुआत कराने को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता रानू भावसार ने सांसद सुधीर गुप्ता को पत्र लिखा है। पत्र में रानू भावसार ने सांसद से मांग करते हुए कहा है कि संसदीय क्षेत्र के सभी स्टेशनों के अलावा देश के सभी रेलवे स्टेशनों पर बच्चों की सुरक्षा के लिये चाइल्ड लाइन नंबर के एनाउंसमेंट की शुरूआत करवाई जाए। जिस तरह रेल के आवागमन और प्लेटफार्म की जानकारी स्टेशनों पर दी जाती है उसी तरह रेल में या स्टेशनों पर दिखाई देने वाले बच्चों की सुरक्षा के लिय भी एनाउंसमेंट किया जाए, जिससे रेल व स्टेशनों पर दिखाई देने वाले बच्चों की सुरक्षा हो सके। ट्वीट के माध्यम से मंदसौर बाल कल्याण समिति सदस्य उमरावसिंह जैन ने भी शिवपुरी जिले की पहल को बाल संरक्षण की दिशा में अच्छा प्रयास बताते हुए रेलवे मंत्रालय से इसे मंदसौर जिले सहित देश के सभी स्टेशनों पर शुरू कराने की मांग की है। सांसद को लिखे पत्र में बताया है कि शिवपुरी महिला एवं बाल विकास के बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा द्वारा स्थानीय रेल प्रबंधन के साथ समन्वय कर इस प्रयोग की शुरुआत की है। माना जा रहा है कि चाइल्ड लाइन नंबर का एनाउंस करने वाला शिवपुरी देश का पहला स्टेशन है। रानू भावसार ने बताया सांसद सुधीर गुप्ता ने आश्वस्त किया है कि मंदसौर संसदीय क्षेत्र के सभी स्टेशनों पर चाइल्ड लाइन नंबर का एनाउंसमेंट प्रारंभ करवाया जाएगा, वहीं देश के सभी रेलवे स्टेशनों पर बच्चों की सुरक्षा के लिये चाइल्ड लाइन नंबर का एनाउंसमेंट प्रारंभ हो सके इसके लिये संसद में भी विचार रखा जाएगा।

बच्चों की तस्करी करने वाले गिरोह रेलगाड़ी का ही अधिक करते हैं उपयोग

बाल विवाह, बालश्रम एवं वेश्यावृत्ति जैसे अपराधों में धकेलने के लिए बच्चों को दूसरे राज्यों में ले जाने के लिए सक्रिय गिरोहों द्वारा अधिकांशतः रेलगाड़ी का ही उपयोग किया जाता है तथा घर से भागने वाले लड़के-लड़कियां भी रेलगाड़ियों का ही उपयोग करते है। यात्रा के दौरान सहयात्री उन बच्चों की पहचान कर चाइल्ड लाइन को सूचित कर उन बच्चों को मुसीबतों में जाने से बचा सकें। इसके लिए इस नवाचार को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

स्टेशन व रेल में दिखने वाले बच्चों की सूचना दे पाएंगे यात्री

जब कोई बच्चे घरों से भाग जाते है या तस्करी में कोई गिरोह द्वारा अन्य राज्यों में ले जाए जाते है तो अधिकांशतः रेल परिवहन का ही उपयोग करते है। ऐसे में कई बार यात्रियों को स्टेशनों या रेल में इस तरह के बच्चे भी मिलते है जिनकी मदद के लिये यात्री सोचते है। लेकिन कोई नंबर या अन्य कोई तरीका नहीं होने से बच्चों को मदद नहीं मिल पाती है। कई बार बच्चे बीच में ही किसी भी स्टेशन पर उतर जाते है और जो मदद करने की सोचते है वे मदद भी नहीं कर पाते है। ऐसे में स्टेशनों पर एनाउंसमेंट से बच्चों की सुरक्षा के लिये चाइल्ड लाइन नंबर का पता चल जाएगा तो कोई भी यात्री ट्रेन में बैठे-बैठे या ऐसे बच्चे जिन्हें मदद की आवश्यकता है वे दिखेंगे तो तत्काल सूचना दे पाएंगे।

स्टेशनों पर बच्चों की सुरक्षा के लिये चाइल्ड लाइन नंबर '1098' का एनाउंसमेंट होना चाहिये। मंदसौर जिले में जितने भी स्टेशन है सभी स्टेशनों पर एनाउंसमेंट के लिये डीआरएम व कलेक्टर से हम चर्चा करेंगे। शिवपुरी की तर्ज पर मंदसौर के स्टेशनों पर भी एनाउंसमेंट प्रारंभ होगा तो बच्चों को बहुत सुरक्षा होगी। जो बच्चे घर से भागकर जाते है या कोई गिरोह द्वारा बच्चों को ले जाया जाता है, ऐसे बच्चों के संबंध में लोग जल्द सूचना भी दे पाएंगे।

उमराव जैन, सदस्य बाल कल्याण, समिति मंदसौर

Posted By: Nai Dunia News Network

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