इंजीनियर के बेटे ने गढ़ी खुद के अपहरण की कहानी, पिता से 50 लाख वसूलने का था प्लान, 24 घंटे में हो गया भंडाफोड़
अपने पिता से 50 लाख रुपये वसूलने के चक्कर में ही दोस्तों के साथ मिलकर खुद के अपहरण की योजना बनाई थी। पर पुलिस अधिकारी इससे ज्यादा तेज निकले और उसके दोस्त को पकड़ लिया। इससे पूरी कहानी खुल गई। अब इंजीनियर पुत्र व दोस्त पुलिस की गिरफ्त में हैं। वहीं दो आरोपितों की तलाश है।
Publish Date: Fri, 14 Nov 2025 08:20:58 PM (IST)
Updated Date: Fri, 14 Nov 2025 08:30:39 PM (IST)
पहली तस्वीर में जनरेल सिंह, दूसरे में हर्षल जैन।HighLights
- इंजीनियर के बेटे ने दोस्तों के साथ मिलकर खुद के अपहरण की योजना बनाई थी।
- पर पुलिस अधिकारी इससे ज्यादा तेज निकले और उसके दोस्त को पकड़ लिया।
- अब इंजीनियर पुत्र व दोस्त पुलिस की गिरफ्त में हैं। दो आरोपितों की तलाश है।
नईदुनिया प्रतिनिधि, मंदसौर। लोक निर्माण विभाग में गरोठ में पदस्थ इंजीनियर कमल जैन के पुत्र हर्षल जैन के अपहरण की गुत्थी पुलिस ने 24 घंटे से भी कम समय में सुलझा दी है। पुलिस ने जब पूरे मामले का खुलासा किया तो सहसा किसी को विश्वास नहीं हुआ कि इस पूरे अपहरण कांड का मास्टर माइंड खुद हर्षल जैन ही है।
बताया जा रहा है कि अपने पिता से 50 लाख रुपये वसूलने के चक्कर में ही दोस्तों के साथ मिलकर खुद के अपहरण की योजना बनाई थी। पर पुलिस अधिकारी इससे ज्यादा तेज निकले और उसके दोस्त को पकड़ लिया। इससे पूरी कहानी खुल गई। अब इंजीनियर पुत्र व दोस्त पुलिस की गिरफ्त में हैं। वहीं दो आरोपितों की तलाश है।
एसपी विनोद कुमार मीना ने बताया कि गुरुवार शाम को लोक निर्माण विभाग गरोठ में इंजीनियर कमल जैन निवासी शामगढ़ को उनके पुत्र के मोबाइल से काल कर पुत्र 26 वर्षीय हर्षल जैन का अपहरण करने की सूचना दी थी और 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी।
कमल जैन इसके बाद शामगढ़ थाने पहुंचे और पुत्र के अपहरण का प्रकरण दर्ज कराया। एसपी ने गरोठ एएसपी हेमलता कुरील, मल्हारगढ़ एसडीओपी नरेंद्र सोलंकी, सीतामऊ एसडीओपी दिनेश प्रजापति के नेतृत्व में सात टीमों का गठन किया गया। इसमें शामगढ़, वायडी नगर, नारायणगढ़, मल्हारगढ़, सीतामऊ थाने के बल शामिल किए गए।
फास्टेग, मोबाइल नंबर, दोस्तों की जानकारी ली
- मल्हारगढ़ एसडीओपी नरेंद्र सोलंकी की टीम में तकनीकी डिटेल एकत्र करना शुरु किया। इसमें साइबर सेल के माध्यम से अपहृत हर्षल जैन के संबंध में तकनीकी जानकारी जुटाई गई।
- इसमें मोबाइल नंबर की लोकेशन, वाहन नंबर, फास्टेग की पूरी जानकारी ली गई। हर्षल के दोस्तों, उनके व्यवसाय के संबंध में भी पूरी जानकारी एकत्र की गई।
- मोबाइल जब आखिरी बार बंद हुआ तो उसकी लोकेशन कोटा के आगे बूंदी जिले के हिंडोली की मिली थी।
- कोटा में जाकर पुलिस को पता चला कि हर्षल जैन का मित्र 19 वर्षीय गणपतसिंह पुत्र महेंद्रसिंह हाड़ा हिंडोली तहसील के ग्राम सलमपुर का रहने वाला है।
- हर्षल व गणपत कोटा में साथ ही रहते थे और एक कैफे ‘देशी चाय का ठेका’ भी चलाते हैं। इसके अलावा हर्षल वहां कूलर स्टैंड की फैक्ट री भी चला रहा था।
- पुलिस गणपतसिंह हाड़ा तक पहुंच गई। उसके बाद कोटा से ही हर्षल भी मिल गया। और पूरी कहानी का राजफाश हो गया।
कोटा में फैक्ट्री का काम चल रहा था हर्षल की
हर्षल जैन के संबंध में सारी जानकारी एकत्र करने के बाद इनकी कडि़या पिरोई गई। हर्षल राजस्थान के कोटा में कूलर की जाली बनाने का कार्य प्रारंभ करने वाला था उसकी फैक्ट्री का काम चल रहा है। मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस की अलग-अलग टीमें राजस्थान के कोटा, बूंदी, हिंडोली एवं अन्य संभावित जगहों पर दबिश देती रही। तभी पता चला कि हर्षल जैन का सबसे अच्छा मित्र गणपतसिंह उसके साथ कोटा में रहता है। गणपत हिंडोली व कोटा में नहीं मिला। उसकी तलाश में किसी तरह वह मिल गया।
कर्जे में डूबा था हर्षल, पिता से वसूली का प्लान बनाया
- गणपतसिंह ने बताया कि हर्षल के ऊपर भी लाखों रुपये का कर्ज था जिसे चुकाने के लिए दोनों ने मिलकर योजना बनाई।
- इसमें गणपसिंह के दो दोस्तों जनरेलसिंह पुत्र सुखविंदरसिंह निवासी बालोला तह. हिंडोली व 22 वर्षीय कुलदीप पुत्र राजुलाल कहार निवासी ग्राम अमरतिया चौराहा दोनों जिला बूंदी(राज.) को भी शामिल कर लिया। इसके बाद गुरुवार सुबह हर्षल अपने घर से निकला और मोबाइल बंद कर लिया।
- शाम को उसके मोबाइल से ही दोस्तों ने अपहरण करने की सूचना पिता कमल जैन को देकर कहा कि 50 लाख रुपये की व्यवस्था कर लो।
- फिर रात में फोन इसलिए नहीं लगाया कि पुलिस की हलचल देखने के बाद शुक्रवार को वापस करेंगे। इससे पहले ही पुलिस उन तक पहुंच गई।
- अभी पुलिस ने हर्षल व गणपतसिंह को गिरफ्तार कर लिया है। जनरेलसिंह और कुलदीप कहार की तलाश है। इनकी योजना फिरौती की राशि लेकर आपस में बांटने की थी।