सारस्वत कम्युनिटी लीग के संस्थापक संपत सारस्वत ने कहा
सारस्वत महिला मंडल का प्रतिभा व वरिष्ठजन सम्मान समारोह हुआ
मंदसौर। नईदुनिया प्रतिनिधि
जिस तरीके से समुद्र की व्याख्या नहीं की जा सकती है, उसी तरीके से सारस्वत समाज के बारे में कहना मुश्किल है। जितनी गहराई समुद्र की है, उतनी ही गहराई हमारी है। भगवान परशुरामजी सारस्वत ब्राह्मण थे।
यह बात सारस्वत कम्युनिटी लीग के संस्थापक संपत सारस्वत ने कही। वे लोटस वैली स्कूल सारस्वत ब्राह्मण समाज, सारस्वत कम्युनिटी लीग व सारस्वत महिला मंडल द्वारा आयोजित प्रतिभा एवं वरिष्ठजन सम्मान समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश में चार शंकराचार्य सारस्वत ब्राह्मण हैं। फिर भी हम अध्यात्म के क्षेत्र में पिछड़ रहे हैं, जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। शिक्षा के क्षेत्र में पहल करते हुए हम 100 नए शिक्षा केंद्र खोलेंगे। कार्यक्रम में समाज के विभिन्ना क्षेत्रों में उपलब्धि प्राप्त करने वाली प्रतिभाओं एवं वरिष्ठजन का सम्मान किया गया। गिरीश शर्मा, सारस्वत ब्राह्मण समाज अध्यक्ष पंडित दिलीप शर्मा, सारस्वत महिला मंडल अध्यक्ष आशा व्यास मंचासीन थे। सरस्वती वंदना सारिका आचार्य ने प्रस्तुत की। नृत्यमय गणेश वंदना आर्या व्यास ने प्रस्तुत की। स्वागत भाषण महिला मंडल अध्यक्ष आशा व्यास ने दिया। समाज उपाध्यक्ष राकेश आचार्य ने समाज की गतिविधियों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। साधना सारस्वत को सारस्वत कम्युनिटी लीग के शिक्षा केंद्र का राष्ट्रीय प्रभारी बनाया। संचालन शैलेंद्र आचार्य ने किया। आभार विकास आचार्य ने माना।
इन प्रतिभाओं का सम्मान
सौरव जोशी, इशिका आचार्य, अनन्या आचार्य, रोशनी आचार्य, देवव्रत तुगनावत, हिमांशु शुक्ला, प्रविज्ञा आचार्य, गौरव जोशी, अक्षत शुक्ला, उत्कर्ष शुक्ला, परिवेश शर्मा, तेजस शर्मा, स्तुति व्यास, आरती ओझा, संध्या शर्मा, संगीता शर्मा, श्रद्घा सारस्वत एवं शैलेंद्र आचार्य को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
ये वरिष्ठ हुए सम्मानित
तुलसीबाई शर्मा, शकुंतला आचार्य, गीतादेवी व्यास, पुरुषोत्तम शुक्ला, ब्रजवल्लभ शर्मा, दुर्गाशंकर आचार्य, जगदीश उपाध्याय, डॉ. रमेश व्यास, मनोरमा व्यास को शॉल-श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया गया।