नईदुनिया प्रतिनिधि, मंदसौर। किसान कांग्रेस के बैनर तले सोमवार को शहर में कांग्रेस नेताओं, कार्यकर्ताओं व किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली। लंबे अरसे बाद कांग्रेस का प्रभावी प्रदर्शन दिखा। हालांकि शहर में आने वाले सभी रास्तों पर पुलिस ने नाकाबंदी कर ट्रैक्टर को शहर में आने नहीं दिया गया। फिर भी रैली में ट्रैक्टर भी शामिल हुए। पुलिस ने कलेक्टर कार्यालय के मार्ग पर भी तीन जगह बेरिकेटिंग की थी इसे भी कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान तोड़ दिया गया। किसान जिले में खरीफ फसलों पर प्राकृतिक आपदा, पीला मोजेक बीमारी, अतिवृष्टि से व्यापक क्षति, किसानों को तत्काल राहत, रबी फसल की बुआई हेतु सहायता और मांगों के त्वरित निराकरण करने की मांग कर रहे थे।
सोमवार को किसानों की समस्याओं को लेकर किसान कांग्रेस द्वारा ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया था। पर इससे पहले सुबह से ही शहर में आने वाले सभी मार्गों पर पुलिसकर्मी तैनात हो गए। और शहर में रैली में शामिल होने के लिए लाए जा रहे ट्रैक्टर को रोक दिया गया। कई जगह जिपं सदस्य दीपकसिंह चौहान ने जाकर बहस भी की इसके बाद कुछ संख्या में ही ट्रैक्टर को अंदर आने दिया गया। बाकी सभी को बाहर ही रोक दिया गया। कई किसान दुपहिया वाहनों से मंदसौर पहुंचे।
पुलिस व प्रशासन द्वारा इस तरह शहर से बाहर ही रोके जाने से नाराज होकर कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने गांधी चौराहे पर जमकर नारेबाजी की और हाथों में खराब फसल लेकर विरोध दर्ज कराया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि रविवार को भारतीय जनता पार्टी ने भी इसी तरह की ट्रैक्टर रैली निकाली थी उसे पुलिस प्रशासन ने नहीं रोका। वहीं जब किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस के नेतृत्व में रैली निकाली जा रही थी तो उसे बलपूर्वक रोकने का प्रयास किया गया। हालांकि प्रशासन द्वारा रोकने के बाद भी रैली में लगभग 30 से 35 ट्रैक्टर शामिल हुए। बाकी नेता व कार्यकर्ता व किसान दोपहिया वाहनों से रैली में शामिल हुए।
कांग्रेस नेताओं ने पुलिस प्रशासन की इस कार्रवाई को भेदभावपूर्ण बताया और किसानों की आवाज दबाने का आरोप लगाया है। कलेक्टर कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यह कार्रवाई दर्शाती है कि सरकार किसानों की मांगों को लेकर कितनी असंवेदनशील है और किस तरह विपक्ष को अपनी बात रखने से रोका जा रहा है। किसानों ने कहा कि बड़वन फंटे पर मंदसौर में ट्रैक्टर लेकर आ रहे किसानों को पुलिसकर्मियों ने रोक लिया।
सीतामऊ फाटक ब्रिज पर भी बेरिकेट लगाकर रैली में आने वाले किसानों के ट्रैक्टर को रोक दिया गया। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि ट्रैक्टर रैली को रोकने के लिए कलेक्टर कार्यालय मार्ग पर डंपर के भी इंतजाम किए गए थे। अगर पुलिसकर्मियों और स्टापर से नहीं रुके तो फिर रोड के दोनों तरफ डंपर खड़े कर दिए जाएंगे। रैली में विधायक विपिन जैन, कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विभाग जिलाध्यक्ष दीपकसिंह चौहान, किसान कांग्रेस जिलाध्यक्ष ललित चंदेल, कांग्रेस जिलाध्यक्ष महेंद्रसिंह गुर्जर सहित अनेक नेता, कार्यकर्ता व किसान शामिल हुए।
प्रशासन का प्रयास था कि कांग्रेस की रैली नक्षत्र गार्डन के बाहर ही खत्म हो जाए। इसके लिए नक्षत्र से कलेक्टर कार्यालय के बीच भी बेरिकेट लगाए गए थे। रैली को रोकने की कोशिश की गई पर कांग्रेस नेताओं विधायक विपिन जैन, राकेश पाटीदार सहित अन्य ने बेरिकेट को गिरा दिए। इसके बाद रैली कलेक्टर कार्यालय के बाहर पहुंची। यहां नेताओं ने अपनी बात कही और राज्य पाल के नाम ज्ञापन एसडीएम एसएल शाक्य को सौंपा।
राज्य पाल के नाम सौंपे ज्ञापन में कहा गया कि मंदसौर जिले की खरीफ फसल, विशेष रुप से सोयाबीन, पीला मोजेक बीमारी और अतिवृष्टि के कारण लगभग पूर्ण रुप से नष्ट हो चुकी है। मूंगफली जैसी अन्य प्रमुख फसलों को भी भारी क्षति पहुंची है। इस प्राकृतिक आपदा, फसली बीमारियों और खेती की बढ़ती लागत ने किसानों को अभूतपूर्व आर्थिक संकट में धकेल दिया है।
सरकार द्वारा दी गई मुआवजा राशि नगण्य और अपर्याप्त है जो किसानों की वास्तविक हानि के सामने औपचारिकता मात्र है। दीपावली के नजदीक आते ही किसानों के चेहरों पर निराशा और मायूसी साफ दिखाई दे रही है। साथ ही रबी फसल की बुआई के लिए संसाधनों की कमी ने उनकी आजीविका पर गहरा संकट पैदा कर दिया है। मप्र सरकार से मांग करते हैं कि पर्याप्त मुआवजा और फसल बीमा राशि सोयाबीन और मूंगफली फसलों के नुकसान का पारदर्शी मूल्यांकन कर वास्तविक लागत श्रम, बीज, उर्वरक के आधार पर मुआवजा और बीमा राशि दीपावली से पूर्व किसानों के खातों में हस्तांतरित की जाए।
सोयाबीन और मूंगफली के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य किसान विरोधी भावांतर योजना को तत्काल स्थगित कर सोयाबीन के लिए 106,000 रुपये प्रति क्विंटल और मूंगफली के लिए 87000 प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जाएं, ताकि किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिले। रबी फसल के लिए उर्वरक यूरिया, डीएपी, 12:32:16 को सहकारी सोसाइटी कार्यालयों पर नगद भुगतान के साथ उपलब्ध कराए जाएं। खरीफ फसल की बर्बादी और आर्थिक तंगी के कारण रबी बुआई में कठिनाइयों को देखते हुए बीज, उर्वरक और सस्ते ऋण पर विशेष अनुदान प्रदान करें। वर्तमान सरकार की उदासीनता और किसान विरोधी नीतियों उनकी आजीविका को नष्ट कर रही हैं। यदि इन मांगों का तत्काल निस्तारण नहीं हुआ तो कांग्रेस सड़क से सदन तक किसानों के हित में संघर्ष करने को बाध्य होगी।
यह भी पढ़ें- मुआवजे को लेकर कांग्रेस का हल्ला बोल: उज्जैन में सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ कलेक्टर कार्यालय का किया घेराव