नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन: अतिवृष्टि के कारण सोयाबीन की फसल को हुए नुकसान और किसानों को इसका मुआवजा न मिलने को लेकर सोमवार को कांग्रेस सड़क पर उतरी। जिला कांग्रेस अध्यक्ष विधायक महेश परमार और शहर कांग्रेस अध्यक्ष मुकेश भाटी के साथ सैकड़ों कार्यकर्ता कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और घेराव कर नारेबाजी की। कांग्रेस ने किसानों को मुआवजा देने की मांग कर प्रदेश सरकार को घेरा।
कांग्रेस के प्रदर्शन को देखते हुए संकुल भवन की बैरिकेडिंग की गई थी। दोपहर 12.30 बजे पहुंचे कांग्रेस नेताओं ने कलेक्टर कार्यालय के बाहर ही प्रदर्शन शुरू किया। कुछ देर के लिए सड़क पर भी बैठे। जिला अध्यक्ष महेश परमार ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कहा था कि सिंगल क्लिक में किसानों को मुआवजा जाएगा। मगर उज्जैन जिले के खाचरौद-नागदा, बड़नगर, तराना, महिदपुर में किसानों को कुछ नहीं मिला है। परमार ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को लेकर कहा कि वे अब कहां छुप गए हैं।
इस बीच शनिवार को महिदपुर तहसील के ग्राम बागला में एक किसान द्वारा आत्महत्या करने के मामले में भी राजनीति गरमा गई। 55 वर्षीय किसान ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या की है। मृतक किसान का नाम रामसिंह हैं। उसके पास कुल छह बीघा जमीन है। उसके स्वजन का कहना है कि सोयाबीन के कम उत्पादन को लेकर किसान चिंतिंत था। हालांकि पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कीटनाशक के साथ शराब होना भी पाई गई है। किसान द्वारा खुदकुशी करने की सूचना मिलने पर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष महेश परमार और अन्य कांग्रेस नेता उसके घर पहुंचे और स्वजन से चर्चा की। परमार ने किसान के परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजे देने की मांग उठाई।
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