नईदुनिया प्रतिनिधि, महू-पीथमपुर। पीथमपुर में आइल फिल्टर चैंबर की सफाई के दौरान जहरीली गैस की चपेट में आने से तीन श्रमिकों की मौत पर जिला प्रशासन ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। यह जांच पीथमपुर एसडीएम सलोनी अग्रवाल करेंगे। वहीं, इस मामले में हेल्थ एंड सेफ्टी डायरेक्टर व डिप्टी डायरेक्टर ने भी सोमवार को निरीक्षण किया। उन्होंने मशीनों व भट्टी की भी जांच की। पता चला कि बेंजीन, टालिन और सल्फर जैसी विषैली गैस के चपेट में आने से श्रमिकों की मौत हुई है। इस दौरान श्रमिकों कोई व्यक्ति सुरक्षा उपकरण किट नहीं पहने हुए थे।
बता दें, पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के सेक्टर-3 अंतर्गत सुलावड समीप स्थित मेसर्स श्री सागर लुब्रिकेंट प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री में रविवार को तीन श्रमिकों की मौत हो गई। एमपी औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर राजेश यादव ने बताया कि रविवार को ऑयल को गर्म करने वाले चैंबर को साफ करने के लिए करीब 15 फीट गहरे चैंबर में उतरे थे। पहले एक श्रमिक ढक्कर खोलकर उतरा तो वह बेहोश हो गया। ऊपर खड़े साथी ने उसे आवाज लगाई और वह उसकी मदद करने उतरा तो वह भी बेहोश हो गया। इसी तरह दो और श्रमिक उतरे और जहरीली गैस की चपेट में आ गए।
बताया जा रहा है कि मजदूरों को जब बाहर निकाला गया तो उनकी सांसें चल रही थीं, वे बेहोश थे। उन्हें तुरंत उपचार देने व एंबुलेंस को बुलाने के बजाय मेटाडोर में लेकर एमवाय अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना में दीपक निवासी मूल निवासी मनावर, जगदीश निनामा मूल निवासी तिरला और जगदीश निनामा मूल निवासी भीकनगांव की मौत हुई।
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धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने कहा कि श्रमिक की मौत की घटना दुखद है। इसमें जिला प्रशासन द्वारा नियमों व पात्रता के अनुसार श्रमिकों के स्वजनों को आर्थिक सहायता दी जाएगी। वहीं, सोमवार को श्रमिक संगठन, श्रमिकों व मृतकों के स्वजन ने तीनों का शव रखकर धरना प्रदर्शन किया।