मुरैना(नईदुनिया प्रतिनिधि)। ग्वालियर-मुरैना-श्योपुर ब्रॉडगेज लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण नहीं हो पा रही। यह हाल तब हैं जब रेलवे द्वारा निजी क्षेत्र की जमीन अधिग्रहण के लिए पूरा 285 करोड़ रुपये मुरैना जिला प्रशासन को दे दिया गया है। दूसरी तरफ जमीन अधिग्रहण की रफ्तार ऐसी है कि सबलगढ़, जौरा, कैलारस में 60 हेक्टेयर से ज्यादा निजी क्षेत्र की जमीन का अधिग्रहण ही नहीं हो पा रहा।
गौरतलब है कि ग्वालियर-मुरैना-श्योपुर तक चलने वाली नैरोगेज ट्रेन को बंद करके इस रूट पर ब्रॉडगेज लाइन बिछाई जा रही है। इसके लिए भारत सरकार ने 2913 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है। इस प्रोजेक्ट का काम तीन चरणों में होगा। पहला चरण ग्वालियर से सबलगढ़ तक है, जिसमें नैरोगेज की पटरियों को उखाड़ने के अलावा पुल-पुलियाओं का निर्माण काम शुरू हो गया है, लेकिन दूसरी तरफ जमीन अधिग्रहण का काम बेहद सुस्त चाल से चल रहा है। मुरैना जिले में ब्रॉडगेज लाइन के लिए 381 हेक्टेयर जमीन रेलवे को चाहिए। इसमें 240 हेक्टेयर जमीन निजी क्षेत्र की है, 71 हेक्टेयर जमीन राजस्व विभाग व 70 हेक्टेयर जमीन वन विभाग की है। सरकारी जमीन तो रेलवे को हस्तांतरित हो जाएगी, पर निजी क्षेत्र की जमीन को लेकर बरती जा रही सुस्ती इस प्रोजेक्ट के काम की गति को प्रभावित करने वाली है। निजी क्षेत्र की 240 में से 180 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण हुआ है। जौरा ब्लॉक में 30 हेक्टेयर, कैलारस व सबलगढ़ में 14-14 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण नहीं हो पाया है। इसके अलावा कुछ बीघा जमीन मुरैना ब्लॉक की भी है।
170 करोड़ की जमीन ली, मुआवजा 107 करोड़ का बांटाः
जमीन अधिग्रहण की सुस्त चाल के बीच जिला प्रशासन मुआवजा वितरण में भी धीमी चाल चल रहा है। राजस्व विभाग के रिकार्ड अनुसार अभी तक 180 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित हुई है उसमें से 120 हेक्टेयर से ज्यादा अवार्ड पारित हो चुके हैं। अवार्ड पारित होने का मतलब यह है कि अधिग्रहण की सारी कानूनी कार्रवाई पूरी होने के बाद जमीन मालिक को मुआवजे की राशि बंटनी है। रिकार्ड अनुसार 170 करोड़ के अवार्ड पारित हो चुके हैं, यह राशि करीब तीन से चार महीने पहले ही किसानों को मिल जानी चाहिए थी, लेकिन इसमें से अभी तक 107 करोड़ रुपये ही किसानों को बंट पाया है। एक हिसाब से देखा जाए तो रेलवे द्वारा दिए गए 280 करोड़ में से 173 करोड़ रुपये पर तो जिला प्रशासन को बैंक का ब्याज ही मिल रहा है।
पहले चरण में 106 छोटे और 10 बड़े पुल बन रहे :
बानमोर से सबलगढ़ तक 80 किमी लंबाई में नैरोगेज ट्रैक हटाने का काम पुणे की आईएससी निर्माण एजेंसी को दिया गया है। इस एजेंसी ने बानमोर, कैलारस व जौरा क्षेत्र में पटरियों को उखाड़ने का काम शुरू कर दिया है। दूसरी तरफ सुमावली से सबलगढ़ तक 55 किमी लंबाई में 106 छोटी पुलिया बनाने का काम करने के लिए 244 करोड़ रुपये के टेंडर रेलवे ने जारी किए हैं। साथ ही ग्वालियर से सबलगढ़ के बीच 10 बड़े पुलों का निर्माण कराया जा रहा है, इसके लिए 180 करोड़ के टेंडर रेलवे ने जारी किए हैं।