नईदुनिया न्यूज, मुरैना। निरक्षरों को साक्षर बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा नव साक्षरता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के लिए सभी के लिए शिक्षा कार्यक्रम चलाया जा रहा हैं। शनिवार को उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत दिनांक मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता मूल्यांकन परीक्षा का आयोजन किया गया। जिलेभर में हुई इस परीक्षा में 38,195 परीक्षार्थी शामिल किए हुए।
जिले के सातों विकास खंडों में यह अनूठी परीक्षा गांव और वार्ड स्तर पर हुई। जिले भर के प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में 1869 परीक्षा केंद्र बनाए गए, जिनमें 15 वर्ष से ऊपर के असाक्षर परीक्षा में सम्मिलित हुए, जिसमें महिलाओं एवं वृद्धजनों द्वारा उत्साहपूर्वक भगीदारी की। कई स्थानों पर विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे ही अपने दादा-दादी तथा अन्य स्वजन को परीक्षा केंद्र तक लेकर पहुंचे।
पहाडगढ़ व सबलगढ़ के कई परीक्षा केंद्र पर सास और बहू परीक्षा देती दिखीं तो पोते और दादा ने भी एक साथ साक्षर बनने के लिए परीक्षा दी। यह परीक्षा जिला जेल तक में हुई, जहां अनपढ़ कैदियों ने छात्रों की तरह जमीन पर बैठकर साक्षर होने के लिए परीक्षा दी। इस परीक्षा के लिए जिला स्तरीय कंट्रोल रूम बनाया गया, जहां से मिली जानकारी के अनुसार साक्षरता परीक्षा के लिए सातों ब्लाकों में 43671 असाक्षरों का पंजीयन था, रविवार को हुई परीक्षा में लगभग 38195 लोग शामिल हुए हैं।
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इन अनोखी परीक्षा के लिए सुबह 9 बजे से ही स्कूल खुल गए। कई स्कूलों में परीक्षा देने आए नव साक्षरों का फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया। अंबाह, पोरसा व मुरैना ब्लॉक के कई स्कूलों में छात्र-छात्राओं को स्वल्प हार दिया गया। परीक्षा के लिए मॉनिटरिंग टीमें बनाई गईं। जिला स्तरीय मॉनिटरिंग दल से जिला शिक्षा अधिकारी एसके सक्सेना, परियोजना समन्व्यक हरीश तिवारी, जिला प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी शिवराज शर्मा, जिला सह समन्वयक डॉ. हरेंद्र सिंह तोमर, प्राचार्य डाइट डॉ. एसएस तोमर द्वारा परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण भी किया।