
नईदुनिया प्रतिनिधि, मुरैना। प्रधान डाकघर में पदस्थ डाकिया प्रिंस वशिष्ठ ने शनिवार सुबह 10 बजे अपने कमरे पर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। जिंदगी को अलविदा कहने से पहले मृतक अंग्रेजी में लिखा सुसाइड नोट छोड़ गया जिसमें उसके कृत्य के लिए किसी पर भी कार्रवाई न करने की अपेक्षा व्यक्त की गई है।
लेकिन मृतक के चचेरे भाई कलम सिंह पंडित का आरोप है कि प्रिंस को उसका अधिकारी एक महीने प्रताड़ित कर रहा है जिससे मजबूरन उसने आत्महत्या की है। इस मामले में दोषी अधिकारी को चिह्नित कर उसके खिलाफ कार्रवाई तय की जाए। इधर स्टेशन रोड थाना पुलिस ने पोस्टमैन की मौत के कारणों की जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के मुताबिक, प्रिंस वशिष्ठ़ उम्र 19 साल पुत्र अशोक कुमार निवासी रिठाल थाना रोहतक जिला भिवानी हरियाणा एक साल से अधिक समय से मुरैना के प्रधान डाकघर में पोस्टमैन के पद पर नौकरी कर रहा था। वकौल चचेरे भाई कलम सिंह पंडित, एक महीने पहले प्रिंस के काका जगवीर सिंह के निधन की सूचना पाकर प्रिंस अपने साथी पोस्टमैन को सूचित कर काका के अंतिम संस्कार में शामिल होने रिठाल चला गया। इस बात से खफा अधिकारी ने प्रिंस को अगले दिन यह कहकर रिठाल से मुरैना वापस बुला लिया कि विभाग का कोई बड़ा अधिकारी विजिट पर मुरैना आ रहा है इसलिए तत्काल गमी छोड़कर प्रधान डाकघर आ जाओ। अफसर का आदेश व नौकरी नई होने के कारण प्रिंस अगले दिन ही ड्यूटी पर मुरैना वापस आ गया, फिर उसे दोबारा घर जाने की छुट्टी नहीं दी गई।
बकौल कलम सिंह, प्रताड़ना पर आमादा अधिकारी ने प्रिंस की एक दिन की गैरहाजिरी को आधार बनाकर उसे नौकरी से हटाने की धमकी देकर 5000 रुपए ऐंठ लिए। अधिकारी के कथित नाराज होने के कारण प्रिंस अपने काका की तेरहवीं में भी शामिल होने नहीं जा सका। क्योंकि वह अपने पिता अशोक कुमार का इकलौता बेटा होकर नौकरी के वेतन से अपने परिवार की आर्थिक मदद कर रहा था। प्रिंस को डर था कि काका की तेरहवीं में गया तो अफसर नौकरी से बरखास्त करा सकता है। कलम सिंह वशिष्ठ का आरोप है कि प्रिंस की नौकरी की ज्वॉइनिंग के समय भी इसी अधिकारी ने प्रिंस से 25 हजार रुपए का सुविधा शुल्क लिया था। रकम का प्रबंध करने के लिए प्रिंस के पिता अशोक कुमार को सालभर पहले रिठाल गांव से ब्याज पर 16 हजार रुपए का प्रबंध करना पड़ा था। नौ हजार रुपए की शेष रकम प्रिंस ने अपने वेतन में से किस्तों में अधिकारी को देकर चुकाई थी।
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पोस्टमैन प्रिंस वशिष्ठ ने फांसी लगाने से पहले अंग्रेजी में लिखे सुसाइड में उल्लेख किया है कि उसके सुसाइड को लेकर किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाए। सुसाइड नोट में प्रिंस ने लिखा है कि वह होश हवास में फांसी लगाने का निर्णय ले रहा है। सबसे अंत में उसने काम के टार्गेट और उनके पूरे न होने के दवाब की बात भी लिखी है।