नईदुनिया प्रतिनिधि, मुरैना। काम से ज्यादा अपनी अभद्रता के लिए कुख्यात हो चुके सबलगढ़ के निवर्तमान एसडीएम अरविंद माहौर पर उच्च स्तर से कार्रवाई की गाज गिरी है। एसडीएम के प्रसारित हुए वीडियो पर मुख्यमंत्री ने उन्हें निलंबित कर लिया है। इतना ही नहीं एसडीएम माहौर ने आधी रात को जिन पटवारियों के तबादले किए, उनमें से चार पटवारियों के तबादलों को निरस्त कर दिया है।
यह मामले नईदुनिया ने प्रमुखता से उठाए थे। दरअसल, 16 सितंबर को ग्वालियर के चंदन नगर की रहने वाली महिला अपने देवर के साथ कलेक्टोरेट की जनसुनवाई में आई और सबलगढ़ एसडीएम अरविंद माहौर पर बेटी को परेशान करने जैसे कई गंभीर आरोप लगाए।
महिला ने कहा कि एसडीएम ने सबलगढ़ में रहने वाले उसके देवर को बुलाकर धमकाया, जिसका देवर ने वीडियो बना दिया। यह वीडियो भी महिला ने अफसरों व पत्रकारों को दिया। वीडियो में एसडीएम माहौर उक्त महिला व उसकी बेटी के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। महिला के अनुसार एसडीएम माहौर उसकी बेटी को एक साल से परेशान कर रहा है, रात में मैसेज करता है, बेटी ने मोबाइल नंबर बदल लिया और गुस्से में एसडीएम को फटकारा भी, पर उसके बाद भी एसडीएम अरविंद माहौर उसके परिवार को परेशान कर रहा है।
इस शिकायत और महिला द्वारा दिए गए वीडियो से प्रशासन में खलबली मची और कलेक्टर ने तत्काल ही एसडीएम माहौर को सबलगढ़ एसडीएम पद से हटाकर कलेक्टोरेट में पदस्थ कर दिया। इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहा यह वीडियो सीएम तक पहुंचा, जिस पर शुक्रवार को सीएम ने संज्ञान लिया। एक्स पर पोस्ट कर उन्होंने एसडीएम माहौर को निलंबित करने के आदेश दिए, साथ ही संभाग आयुक्त को अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए भी निर्देशित किया गया है।
16 सितंबर को एसडीएम माहौर को कलेक्टर ने हटा दिया। इसके बाद 16-17 सितंबर की आधी रात को एसडीएम कार्यालय खोलकर उन्होंने छह पटवारियों के तबादले के आदेश निकाले। इनमें सबलगढ़ हल्का पटवारी राधा शर्मा को बावड़ीपुरा हल्का, सुनेहरा पटवारी अली हसन को रामपहाड़ी, रामपहाड़ी पटवारी हरिओम मीणा को सुनेहरा, सोनम कुशवाह को जाटौली से बामसौली और प्रिंस गर्ग के बामसौली से जाटौली हल्के में पदस्थ किया था। नईदुनिया ने मामला उजागर किया।
इस पर भी सीएम ने संज्ञान लिया और सीएम के आदेश के बाद कलेक्टर अंकित अस्थाना ने छह में से चार पटवारी राधा शर्मा, अली हसन, हरिओम मीणा व मुकेश माथुर के तबादले शून्य कर दिए। सोनम कुशवाह व प्रिंस गर्ग के तबादलों को कोर्ट आदेश पर बताया गया है, जो निरस्त नहीं हुए।
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एसडीएम अरविंद माहौर की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं, क्योंकि उन पर एफआईआर भी हो सकती है। दरअसल, एसडीएम माहौर ने छह सितंबर को तहसील के चपरासी सियाराम आदिवासी को आवास पर बुलाया और कमरे में बंद करके पीटा। चपरासी की पिटाई इसलिए की, क्योंकि आधी रात को उसने फोन नहीं उठाया। चपरासी ने थाने, एसपी, कलेक्टर से लेकर जनसुवाई तक में शिकायत की।
चपरासी की पिटाई का मामला भी नईदुनिया ने उजागर किया था। इसके बाद चपरासी का मेडिकल पुलिस ने करवाया और जांच बैठाई गई। चूंकि मुख्यमंत्री ने एसडीएम के व्यवहार को अभद्र बताया और कार्रवाई को कहा है, ऐसे में सबगलढ़ थाने में उन पर केस दर्ज होने के भी पूरे आसार हैं।