Maha Shivratri 2023 : नरसिंहपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि) । आज शनिवार को विशेष मुहूर्त पर महाशिवरात्रि पड़ रही है। जिसे लेकर आज जिले भर में धार्मिक माहौल और अनुष्ठान देर रात तक जारी रहेंगे। सबसे ज्यादा शिवभक्तों का सैलाब गाडरवारा के शिव धाम डमरू घाटी पर उमड़ेगा। यहां तीन दिवसीय मेला लगने से यहां सर्वाधिक भीड़ रहेगी। इसके साथ ही जिले के महादेव पिपरिया मंदिर में भी हजारों श्रद्धालुओं की पहुंचने की संभावना है। शिव भक्तों में डमरू घाटी और महादेव पिपरिया को लेकर बड़ी आस्था है। इसे देखते हुए पुलिस और प्रशासन द्वारा जिले को दो प्रमुख मंदिरों में सर्वाधिक सुरक्षा और व्यवस्था की गई है। शुक्रवार से ही मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो गए हैं। शहर सहित जिले भर के बड़े शिवालयों में सजावट के साथ-साथ महाशिवरात्रि की बड़ी तैयारी की गई हैं।
यह है डमरू घाटी मंदिर की विशेषता
डमरू घाटी जिले के गाडरवारा के पास स्थित एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यहां पर भगवान शिव जी की एक बहुत बड़ी प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। प्रतिमा के सामने नंदी भगवान की मूर्ति विराजमान है। यहां पर शिव भगवान के शिवलिंग के आकार का एक शिवालय बनाया गया है। इस शिवालय के अंदर शिवलिंग विराजमान है। यह जगह मुख्य हाईवे सड़क पर स्थित है। इसलिए हाईवे सड़क से यह जगह देखने के लिए मिल जाती है। जहां बड़ी संख्या में शिवभक्त महाशिवरात्रि में पहुंचेंगे।
महादेव पिपरिया जबरेश्वर महादेव-
नरसिंहपुर जिले से लगभग 12 किलोमीटर स्थित नर्मदा तट के ग्राम महादेव पिपरिया में जबरेश्वर महादेव के नाम से विराजित विशाल शिवलिंग जिले वासियों के लिए आस्था का केंद्र है। यहां तीन पीढ़ियों से भोलेनाथ की सेवा कर रहे पं गुलाब गिर अनुसार चौधरी धुरंधर पटैल नाम के एक मालगुजार जो बहुत बड़े भगवान शिव के भक्त थे। उन्हें एक बार भगवान शंकर ने स्वप्न दिया था और उन्हें हिनौतिया के जंगल में अपनी उपस्थिति का आभास कराया। जिसके बाद उन्होंने स्वप्न के अनुसार ग्राम भैंसापाला के पास स्थित हिनौतिया के जंगलों में पहुंच कर तलाश आरंभ की। सुबह-सुबह के चार बजे अचानक एक शिवलिंग पहाड़ों से लुड़कते हुए उनके सामने आ गया। जिसके बाद उन्होंने वहीं पर पूजन-अर्चन शुरू कर दिया। पूजन अर्चन के बाद इस बाद विशाल शिवलिंग को भक्तिभाव से नर्मदा घाट पर लाकर स्थापित किया गया। जिसके बाद स्थान का नाम महादेव पिपरिया पड़ गया। तब से आज तक यहां भक्तों का अटूट विश्वास महादेव पिपरिया पर है।
यहां भी रहेगी भक्तों की भीड़-
महाशिवरात्रि के दौरान जिले के डम रूघाटी, महादेव पिपरिया के साथ ही साथ ही नर्मदा के घाटों पर भी स्नान के लिए लोग पहुंचेगें। जिसमें जिले के बरमान, सतधारा, सांकल, झांसीघाट, चिनकी उमरिया, ककरा आदि घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ रहेगी। इसके साथ ही झोतेश्वर स्थित परमहंसी के पारेश्वर महादेव मंदिर, नरसिंहपुर के बड़ापुल के पास शंकर मंदिर, नरसिंह मंदिर के शिवालयों में भी श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ रहेगी। इसके साथ ही विभिन्ना स्थानों से शिव बारात का भी आयोजन होगा।
एसपी ने किया निरीक्षण, पुलिस बल तैनात-
विगत गुरुवार को ही पुलिस अधीक्षक अभिजीत कुमार रंजन ने डमरू घाटी मेला स्थल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कि मेला के दौरान एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। श्रद्धालुओं की आवाजाही अधिक होने से यातायात व्यवस्था प्रभावित न हो इसके लिए यहां वाहनों की आवाजाही के मार्गों में परिवर्तन किया गया है। वहीं पुल से वाहनों की आवाजाही नहीं होगी व श्रद्धालुओं को पैदल ही मेला स्थल डमरू घाटी पहुंचना होगा। मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 200 की संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया है। इसके साथ ही दमकल का वाहन, पुलिस का वर्ज वाहन सहित बैरिकेड जगह-जगह लगाए गए हैं। डमरू घाटी के पास नदी की रेत में तीन दिवसीय मेला के लिए करीब दो सौ से अधिक दुकानों का आवंटन किया गया है। मेला क्षेत्र में वाहन स्टेंड, पार्किंग स्थल बनाए गए हैं। इसके साथ ही बरमान सहित अन्य घाटों में तैराक तैनात किए गए हैं।
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शंकराचार्य पदासीन के बाद प्रथम शिवरात्रि महोत्सव (गुरूधाम) दिघोरी में
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ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के पदासीन के पश्चात यह प्रथम शिवरात्रि है जहां गुरुधाम दिघोरी में शिवरात्रि महोत्सव मनाया जाएगा। जहां शुक्रवार को द्वारका शारदापीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी सदानन्द सरस्वती महाराज का शाम चार बजे दिघोरी आगमन हुआ। शंकराचार्य दोपहर तीन बजे गणेशगंज बाला भवानी से चलकर छपारा होते हुए गुरुधाम पहुंचे। महाराज दो दिन दिघोरी में ही विराजमान रहेंगे एवं शिवरात्रि के पावन पर्व पर भगवान शिव की पूजा अर्चना कर मध्यान्ह तीन बजे से सभी भक्तों को आशीर्वचन प्रदान करेंगे। यहां पांच सौ साल पहले आदि शंकराचार्य परंपरा से प्राप्त चंद्रमोलेश्वर भगवान की पूजा अर्चना विधि विधान से की जाएगी। शाम के समय प्राचीन सिद्धेश्वर शिव मंदिर पर पहुंच कर भक्तों की उपस्थिति में शिवरात्रि के धार्मिक अनुष्ठान सम्पन्ना कराए जाएंगे।
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ऐसा रहेगा आज यातायात रूट-
यातायात व्यवस्था बनाये रखने के उद्देश्य से पुलिस प्रशासन द्वारा 18 फरवरी को सुबह 5 बजे से रात्रि 11 बजे तक यातायात मार्ग परिवर्तन किया गया है। थाना प्रभारी गाडरवारा ने जानकारी दी है कि करेली, नरसिंहपुर से गाडरवारा, सांईखेड़ा, पिपरिया की ओर से जाने वाली निजी वाहन व बस को नारगी से होते हुए कल्याणपुर, एनटीपीसी, गाडरवारा बायपास, सोयाबीन प्लांट गाडरवारा की ओर परिवर्तित किया जाएगा। इसी तरह गाडरवारा, सांईखेड़ा, पिपरिया से नरसिंहपुर, करेली की ओर जाने वाले निजी वाहन व बस को सोयाबीन प्लांट गाडरवारा, गाडरवारा बायपास, एनटीपीसी, कल्याणपुर से नारगी की ओर परिवर्तित किया जाएगा। गाडरवारा से तेंदूखेड़ा की ओर जाने वाले निजी वाहन व बस को गाडरवारा से व्हाया सांईखेड़ा, उदयपुरा की ओर परिवर्तित किया जाएगा। तेंदूखेड़ा से गाडरवारा की ओर जाने वाले निजी वाहन व बस को व्हाया उदयपुरा, सांईखेड़ा से गाडरवारा की ओर परिवर्तित किया जाएगा। करेली से एनटीपीसी गाडरवारा की ओर जाने वाले अत्यधिक भारी वाहनों को व्हाया राजमार्ग, उदयपुरा, सांईखेड़ा होकर परिवर्तित किया जाएगा। जबकि एनटीपीसी गाडरवारा से करेली की ओर जाने वाले अत्यधिक भारी वाहनों को व्हाया सांईखेड़ा, उदयपुरा, राजमार्ग होकर परिवर्तित किया जाएगा।