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नईदुनिया न्यूज, गोटेगांव। नगर की राशन दुकानों पर मप्र शासन की सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले हितग्राहियों को 1 रुपये प्रति किलो के हिसाब से उपलब्ध कराया जा रहा नमक की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। राशन कार्ड धारियों का आरोप है कि यह नमक पूरी तरह गुणवत्ताहीन है और इसमें कई महीनों से बारीक कंकड़-पत्थर निकल रहे हैं।
शिकायतकर्ताओं का क्या कहना
शिकायतकर्ताओं ने बताया कि नमक और पत्थर दोनों सफेद रंग के होने के कारण देखने में एक जैसे लगते हैं और अलग पहचान मुश्किल होती है, लेकिन भोजन करते वक्त हर बार मुंह में बारीक पत्थर का आना इसकी गुणवत्ता पर प्रश्न चिन्ह लगाता है। कुछ महिलाओं ने बताया कि जब इस नमक को पानी में घोला जाता है तो नीचे सफेद नमक जैसे बारीक कंकड़ जमा हो जाते हैं।
हितग्राहियों ने चिंता जताई है कि इस तरह के मिलावटी नमक के सेवन से प्रदेश में पथरी के मरीजों की संख्या बढ़ सकती है। हमारे गोटेगांव प्रतिनिधि ने भी नमक को पानी में घोलकर जांच की, जिसमें नमक के रंग जैसे सफेद पत्थर जैसी बारीक चचरी निकलने की पुष्टि हुई, जो स्वास्थ्य के लिए घातक है।
जांच कराने की मांग
राशन कार्ड धारियों का आरोप है कि वे 1 रुपये किलो के साथ नमक के साथ पत्थर भी खा रहे हैं। यह समस्या आज की नहीं है, बल्कि कई वर्षों से पात्र हितग्राहियों के साथ धांधली की जा रही है। उन्होंने मांग की है कि शासन नमक की गुणवत्ता की गहन जांच कराए और राशन दुकानों पर आने वाले नमक की नियमित जांच सुनिश्चित करे। साथ ही सप्लाई करने वाली संबंधित कंपनी पर कड़ी कार्यवाही की जाए।